लाखों की नौकरी छोड़, 160 किसानों के साथ मिलकर, 400 एकड़ जंगल उगाने वाले IITian से मिलिए

सुनित रेड्डी (Sunith Reddy) के पास सबकुछ था. IIT की डिग्री, हैदराबाद में अपना काम. सफ़लता के एक के बाद एक मक़ाम हासिल करते गए. शहर की भाग-दौड़ में सुनित अपनी ज़िन्दगी बिता रहे थे लेकिन उनका मन नहीं लग रहा था.

“बहुत लोगों की तरह ही मैं भी शहर की ज़िन्दगी से थक गया और सब छोड़ कर किसी दूर-दराज़ के इलाके में रहकर, खेती-बाड़ी करने का और प्रकृति से जुड़ने का निर्णय लिया.”, सुमित के शब्दों में.

Sunith Reddy

2015-16 में शुरू की ऑर्गैनिक फ़ार्मिंग

बेंगलुरू के पास ही थोड़ी सी ज़मीन पर सुमित ने 2015-16 में ऑर्गैनिक फ़ार्मिंग शुरू की. शुरुआत में उन्हें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा लेकिन वक़्त के साथ-साथ सब सही हो गया.

“मुझे छोटे स्तर पर खेती की आर्थिक संकटों का पता चला. मैंने किसानों से भी बात-चीत की. बहुत से लोगों ने खेत ख़रीदे और विकेंड फ़ार्मर बन गए. कुछ लोगों को सफ़लता मिली लेकिन बहुत से लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा. कुछ सालों के बाद उनका जोश ठंडा पड़ गया. बढ़ते ख़र्चे, काम मैनेज करना आदि जैसी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा. “, सुमित के शब्दों में.

सुमित ने ये भी बताया कि अगर खेती भी हो जाती तो वो कम होती और उन्हें निवेश का सही रिटर्न नहीं मिल रहा था. बड़े फ़ार्म में खेती करने वाले किसानों का सक्सेस रेट ज़्यादा था लेकिन सभी लोग बड़ा खेत नहीं ख़रीद सकते थे.

Sunith Reddy

2017 में शुरू किया कम्युनिटी फ़ॉरेस्ट प्रोजेक्ट

सुनित ने 2017 में अपना दूसरा प्रोजेक्ट शुरू कोई और उनकी क़िस्मत बदल गई. उन्होंने कम्युनिटी फ़ॉरेस्ट प्रोजेक्ट की शुरुआत की. दोस्त, शौर्य चंद्र और 5 दूसरे सदस्यों के साथ वे सस्टनेबेल कम्युनिटी के सदस्य बने और हैदराबाद के बाहर बेकार पड़ी ज़मीन पर अपना प्रोजेक्ट शुरू किया.

“हमने सस्टेनेबल फ़ॉरेस्ट फ़ुड बनाया और और रिजनेरेटिव फ़ार्मिंक मेथड की मदद से रहने की जगह भी बनाई. बहुत सारे लोग सस्टेनेबल तरीके से रहना चाहते हैं और हमारा स्टार्टअप उनकी मदद करता है. सभी मॉर्डर्न सुविधाओं से लैस ये घर स्थानीय चीज़ों से ही बने हैं.”, सुमित के शब्दों में.

सुनित की मुहीम से 160 किसान जुड़ चुके हैं और उन्होंने 400 एकड़ कम्युनिटी फ़ॉरेस्ट उगा लिया है.

“मुंबई और चिकमगलूर के पास दो और कलेक्टिव शुरू होने वाले हैं. हम 1000 एकड़ ज़मीन कवर करेंगे.”, सुनित ने बताया.

सुनित ने अपने दिल की सुनी और उनकी कोशिशें क़ाबिल-ए-तारीफ़ हैं.