राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अमित शाह से मुलाकात…; फिर ऐसे अखिलेश से अलग हो गई राजभर की राह

लखनऊ: राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से अलग राह अपना ली है. राष्ट्रपति चुनाव में ओम प्रकाश राजभर एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करेंगे, लखनऊ में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका उन्होंने ऐलान कर दिया. सपा चीफ अखिलेश यादव संग तल्ख रिश्ते के बीच शुक्रवार को ओपी राजभर ने कहा कि उनकी पार्टी के विधायक एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करेंगे. बता दें कि सुभासपा के विधायकों की संख्या 6 है.

 

अखिलेश यादव जहां विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का समर्थन कर रहे हैं, वहीं उनके सहयोगी दल के मुखिया ओपी राजभर ने एनडीए उम्मीदवार के समर्थन का ऐलान कर यूपी की सियासत का पारा बढ़ा दिया है. केंद्रीय मंत्री अमित शाह की एंट्री के बाद ओपी राजभर द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने के फैसले पर पहुंचे हैं. खुद ओम प्रकाश राजभर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उनकी दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात हुई और उसके बाद उन्होंने ही प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए इसका ऐलान करने को कहा.

ओम प्रकाश राजभर ने कहा, ‘गृह मंत्री अमित शाह जी का मेरे पास फोन आया था और उन्होंने मुझे मिलने को बुलाया. मेरी दिल्ली में अमित शाह जी से मुलाक़ात हुई. द्रौपदी मुर्मू जी ने जो कहा था, वही बात अमित शाह जी ने कही. अमित शाह जी ने मुझे प्रेस कांफ्रेंस से समर्थन का ऐलान करने को कहा. मेरी पार्टी राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू जी का समर्थन करती है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने भी निचले पायदान के लोगों को आगे लाने की बात कही थी. मैंने अपने छहों विधायकों से राष्ट्रपति चुनाव पर बात की. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 8 जुलाई को मुझे डिनर पर बुलाया. द्रौपदी मुर्मू जी ने कहा कि वो सबसे निचले तबके से आती हैं और मुर्मू जी और सीएम योगी ने मुझसे समर्थन मांगा. मैंने कहा कि मैं अपने विधायकों से पूछकर बताऊंगा.’ यहां बताना जरूरी है कि ओपी राजभर ने अब तक सपा से गठबंधन तोड़ने का ऐलान नहीं किया है, और न ही अखिलेश यादव ने ऐसा कुछ कहा है. फिलहाल, राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन को लेकर दोनों पार्टियों का अलग-अलग फैसला है.

दरअसल, अखिलेश यादव के खिलाफ खुलकर जुबानी हमला कर रहे ओम प्रकाश राजभर पहले ही स्पष्ट कर चुके थे कि वह सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद ही फैसला लेंगे कि राष्ट्रपति चुनाव में उनकी पार्टी के विधायक किसे अपना समर्थन देंगे. काफी समय तक राजभर अखिलेश के रुख का इंतजार करते रहे, मगर उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया. बीते कुछ समय से अखिलेश यादव और ओम प्रकाश राजभर के रिश्ते तल्ख हो चुके हैं. ओम प्रकाश राजभर लगातार अखिलेश यादव के खिलाफ बयानबाजी करते नजर आ रहे हैं. बीते कुछ समय से जिस तरह के सियासी घटनाक्रम देखने को मिल रहे हैं, ऐसे में यह कहा जा सकता है कि अब दोनों के बीच गठबंधन भी केवल कहने भर का रह गया है.

गौरतलब है कि इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने सोमवार को कहा था कि वह सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात करके पूछेंगे कि विपक्षी दलों के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के कार्यक्रम में उन्हें आमंत्रित क्यों नहीं किया गया. राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 18 जुलाई को होना है. मतदान में सुभासपा की भूमिका को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी, मगर आज पार्टी प्रमुख ने अपने पत्ते खोल दिए. बता दें कि अखिलेश यादव का खेमा यशवंत सिन्हा के साथ है.