दिल्ली समेत उत्तर भारत में कुछ दिनों से ठंड में हल्की राहत मिली है। लेकिन आने वाले दिनों में एक बार फिर से शीतलहर और कोहरे की चादर देखने को मिलेगी। मौसम विभाग का अनुमान है कि दिल्ली में पारा 4 डिग्री तक जा सकता है।
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली और एनसीआर में धूप निकलने से शुक्रवार को भी ठंड से थोड़ी राहत मिली है। लेकिन ठंड से राहत लंबे समय तक नहीं मिलने वाली। नए साल के आगाज के साथ ही सर्दी का सितम तेज हो सकता है। मौसम विभाग ने अगले 7 दिनों तक येलो अलर्ट घोषित किया है। 4 जनवरी तक सुबह के वक्त घना कोहरा छा सकता है। पारा 4.0 डिग्री तक जा सकता है। दिल्ली में आज न्यूनतम तापमान 8.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया है। दिन में अधिकतम 23 डिग्री तक पहुंच सकता है।
कल से फिर पड़ेगी कड़ाके की ठंड
आईएमडी के मुताबिक, दिल्ली सहित पूरा उत्तर भारत अभी पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव में है और खाड़ी क्षेत्र से बहने वाली गर्म नम हवाओं के कारण यहां लोगों को ठंड से हल्की राहत मिली है। हालांकि मौसम विज्ञानियों ने 31 दिसंबर से राष्ट्रीय राजधानी में न्यूनतम तापमान में एक बार फिर गिरावट शुरू होने का अंदेशा जताया है। गुरुवार को दिल्ली के प्रमुख मौसम केंद्र सफदरजंग वेधशाला में न्यूनतम तापमान सात डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, आगामी शनिवार को न्यूनतम तापमान घटकर छह डिग्री सेल्सियस हो जाएगा, जबकि सोमवार (दो जनवरी) को पारा चार डिग्री सेल्सियस तक लुढ़कने के आसार हैं। उसका पूर्वानुमान है कि पहली से चार जनवरी तक दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में घना कोहरा छाये रहने और शीतलहर चलने के आसार हैं।
6 दिनों में मिले 10 लावारिस शव राजधानी में सर्दी अपने शबाब पर है। रात में कड़कड़ाती ठंड के बावजूद कई लोग सड़कों के किनारे या खुली जगहों पर सोने के मजबूर हैं। इस दौरान 23 से 28 दिसंबर के बीच खुली जगहों पर 10 लोग लावारिस हालत में मृत मिले हैं। फिलहाल इनकी पहचान भी नहीं हो सकी है। मौत की असली वजह का पता पोस्टमॉर्टम के बाद ही चल सकेगा। लेकिन जिस तरह से कोई बाहरी चोट नहीं लगी है, उससे मौत की वजह ठंड को माना जा सकता है। मरने वालों की उम्र 25 से 65 साल के बीच लग रही है।
ठंड की वजह से मौत का शक पुलिस सूत्रों ने बताया कि नॉर्थ एवेन्यू, करोल बाग, कश्मीरी गेट, कोतवाली, मौरिस नगर, सब्जी मंडी और पंजाबी बाग थाना इलाकों में मिले इन शवों की पहचान की कोशिश की जा रही है। इनकी पहचान होने के बाद ही ये तय हो सकेगा कि ये बेघर थे और खुले में सोते थे। फिलहाल ये कहना काफी मुश्किल है कि ये मौतें ठंड से ही हुई हैं। दिल्ली में काफी तादाद में लोग बेघर हैं, जो रोजाना खुले में सोते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में खुले में सोने वालों की तादाद लाखों में होने से ये इंतजाम पर्याप्त नहीं हैं। जानकारों का दावा है कि जनवरी में ठंड ज्यादा बढ़ेगी तो मरने की तादाद में भी इजाफा हो सकता है। पिछले साल एक एनजीओ ने दावा किया था कि जनवरी में 28 दिन के भीतर 172 बेघर लोगों की मौत हो गई थी। एनजीओ का दावा था कि दिल्ली गेट, आसफ अली रोड, चांदनी चौक, जामा मस्जिद, यमुना बाजार, निगम बोध घाट, यमुना पुश्ता, कश्मीरी गेट, आजादपुर, बादली, ओखला, निजामुद्दीन और सराय काले खां में खुले में सोने वालों की काफी तादाद रहती है। इनके अलावा भी सड़क किनारे सोते हुए लोग मिल जाते हैं। में सिर्फ 253 शेल्टर होम हैं, जहां सिर्फ 18537 लोगों के रहने का इंतजाम है।