Aparna Yadav Pratik Yadav Love Story: प्रेम के सप्ताह यानी वैलेंटाइन वीक में प्रेम कहानियों की खूब चर्चा होती है। सफल, असफल। कुछ ऐसी भी प्रेम कहानियां जो लंबी चली। परवान चढ़ी और सफल रही। आज भी ये जोड़े प्रेम की निशानी के रूप में जाने और माने जाते हैं।
दो दिल मिले और प्यार हो गया
अपर्णा यादव और प्रतीक यादव स्कूल के जमाने से दोस्त रहे हैं। अपर्णा यादव ने अपनी लव स्टोरी के बारे में एक बार इंटरव्यू में विस्तार से बात की थी। उन्होंने कहा था कि स्कूलिंग के दौरान दोनों की मुलाकात हुई। उस समय उन्हें यह भी पता नहीं था कि प्रतीक का संबंध मुलायम परिवार से है। प्रतीक और अपर्णा दोनों ने स्कूलिंग लखनऊ से की है। दोनों अलग-अलग स्कूलों में थे। लेकिन, कॉमन फ्रेंड्स के जरिए दोनों की मुलाकात हुई और दोनों दोस्त बन गए। दोस्ती धीरे-धीरे गहराती गई।
ई-मेल का आदान-प्रदान और शुरू हुई लव स्टोरी
अपर्णा यादव प्रेम कहानी की शुरुआत के बारे में बताती हैं कि वर्ष 2001 में एक बर्थडे पार्टी में वे गई थीं। वहां प्रतीक यादव भी आए थे। प्रतीक ने उनसे ई-मेल एड्रेस मांगा। तब मोबाइल इतना प्रचलित नहीं था। ई-मेल चेक भी उस समय हर समय करने जैसी बात नहीं थी। प्रतीक को ईमेल एड्रेस देकर वे भूल गईं। कुछ दिनों के बाद इनबॉक्स चेक किया तो वहां प्रतीक के मेल की भरमार थी। इन मेल्स में प्रतीक ने अपर्णा से प्रेम का इजहार किया था। यहीं से दोनों की लव स्टोरी शुरू हुई, जो मुकाम तक पहुंची।
2012 में शादी के बंधन में बंधे दोनों
वर्ष 2001 से दोनों के बीच शुरू प्रेम का यह संबंध 2011 में ऑफिशियल हुआ। दोनों के परिवार ने प्रेम संबंध को स्वीकार करते हुए शादी के लिए हां कर दी। इसी साल दोनों की सगाई हुई। वर्ष 2012 में दोनों शादी के बंधन में बंध गए। शादी काफी हाई प्रोफाइल थी। इसमें अमिताभ बच्चन और जया बच्चन के साथ-साथ अनिल अंबानी और अन्य दिग्गज शामिल हुए थे। शादी का फंक्शन काफी हाई प्रोफाइल था।
क्लासिकल सिंगर भी अपर्णा
अपर्णा यादव एक ट्रेंड क्लासिकल सिंगर हैं। उन्होंने मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल रिलेशंस एंड पॉलिटिक्स में डिप्लोमा किया है। अपर्णा ने शादी के बाद से ही राजनीति में रुचि दिखानी शुरू कर दी। उन्हें समाजवादी पार्टी में मुलायम सिंह यादव के करीबियों में गिना जाता रहा है।
2017 में लड़ा था चुनाव, मिली हार
अपर्णा यादव ने वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट पर उन्होंने चुनाव लड़ा। समाजवादी पार्टी में अखिलेश यादव का प्रभाव बढ़ने के बाद भी अपर्णा को सपा ने लखनऊ कैंट से उम्मीदवार बनाया। यहां पर उनका मुकाबला भाजपा की रीता बहुगुणा जोशी से हुआ। अपर्णा को इस चुनाव में हार झेलनी पड़ी। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले अपर्णा ने सपा को छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया।
प्रतीक की राह है अलग
मुलायम सिंह यादव परिवार में साधना गुप्ता से बेटे प्रतीक यादव की शुरुआती दिनों से राजनीति में रुचि नहीं रही है। वे बॉली बिल्डिंग का शौक रखते हैं। रीयल इस्टेट के कारोबार से जुड़े हुए हैं। फिटनेस संबंधी बिजनेस भी करते हैं। अपर्णा यादव के साथ कई मौकों पर दिखते रहे हैं। हालांकि, उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा अब तक कभी खुलकर सामने नहीं आई है।