Mi-35 Helicopter: रूस का यह अटैक हेलीकॉप्टर ‘अस्पताल’ लेकर उड़ सकता है, अमेरिका के पास भी नहीं है ऐसी ताकत

दुनिया के दूसरे अटैक हेलीकॉप्टर कई तरह की भारी-भरकम मशीनरी, सिस्टम और दूसरे उपकरणों से लैस होते हैं। ऐसे में उनके पास जगह की भारी कमी होती है। अटैक हेलीकॉप्टर होने के कारण उनमें किसी भी तीसरे शख्स के बैठने की जगह भी नहीं होती है, जबकि दुनिया के सबसे भारी-भरकम अटैक हेलीकॉप्टरों में शुमार एमआई-35 इससे ठीक उलट है।

 

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Mi-35 Helicopter: रूस का यह अटैक हेलीकॉप्टर ‘अस्पताल’ लेकर उड़ सकता है, अमेरिका के पास भी नहीं है ऐसी ताकत

यूक्रेन के साथ युद्ध के बीच रूस ने अपने एमआई -35 हिंद के सबसे अडवांस वर्जन को पहली बार सार्वजनिक किया है। रूस के इस अटैक हेलीकॉप्टर ने दक्षिणी सैन्य जिले में बड़े पैमाने पर आयोजित युद्ध अभ्यास के दौरान अपनी ताकत का प्रदर्शन किया। उस दौरान एमआई-35 ने अपनी ऐसी मल्टीरोल क्षमता की नुमाइश की, जिसकी बराबरी दुनिया का कोई भी दूसरा अटैक हेलीकॉप्टर नहीं कर सकता है। इस हेलीकॉप्टर ने सैनिकों को क्लोज एयर सपोर्ट मुहैया करवाने के अलावा उनके ट्रांसपोटेशन और मेडिकल इवैक्यूएश में भी बड़ी भूमिका निभाई। दुनिया के दूसरे अटैक हेलीकॉप्टर कई तरह की भारी-भरकम मशीनरी, सिस्टम और दूसरे उपकरणों से लैस होते हैं। ऐसे में उनके पास जगह की भारी कमी होती है। अटैक हेलीकॉप्टर होने के कारण उनमें किसी भी तीसरे शख्स के बैठने की जगह भी नहीं होती है, जबकि दुनिया के सबसे भारी-भरकम अटैक हेलीकॉप्टरों में शुमार एमआई-35 इससे ठीक उलट है। भारतीय वायु सेना के पास भी दो की संख्या में एमआई-35 हेलीकॉप्टर ऑपरेशनल हैं। हालांकि, ये रूस के आधुनिक एमआई-35 हिंद की तुलना में काफी पुराने हैं।

एमआई-35 में क्या-क्या अपग्रेड किया गया

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रूस ने एक एमआई-35एम हेलीकॉप्टर का एक वीडियो जारी किया है, जिसे पहले के हिंद वेरिएंट की तुलना में लगभग हर तरह से अपग्रेड किया गया है। इस हेलीकॉप्टर को मॉर्डर्न ग्लास कॉकपिट के साथ नाइट विजन गॉगल से भी लैस किया गया है। अपग्रेडेड सेंसर्स के लैस होने के कारण नया वाला एमआई-35एम अटैक हेलीकॉप्टर रात के समय भी ऑपरेशन को आसानी से अंजाम दे सकता है। इसके अपग्रेडेड इंजन, रोटर्स और ट्रांसमिशन हेलीकॉप्टर को लगभग हर क्लास में बेहतरीन प्रदर्शन करने के काबिल बनाते हैं। यह हेलीकॉप्टर रेगिस्तान के बेहद गर्म वातावरण और पहाड़ों की हड्डी गला देने वाली ठंड में भी आसानी से ऑपरेट किया जा सकता है।

एमआई-35 की इस ताकत का कोई मुकाबला नहीं

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एमआई-35एम हेलीकॉप्टर में पहले के दूसरे वेरिएंट्स की तरह एक पैसेंजर कंपार्टमेंट मौजूद है। इसमें आठ की संख्या में पूरी तरह हथियारों से लैस सैनिकों को लेकर जाया जा सकता है। इतना ही नहीं, इनके जगह पर चार स्ट्रेचर को भी रखा जा सकता है। इस क्षमता के कारण एमआई-35 हेलीकॉप्टर को युद्ध के बीच भी सैनिकों को ट्रांसपोर्ट करने, उन्हें युद्ध क्षेत्र से बाहर निकालने, घायलों को स्ट्रेचर पर लादकर अस्पताल पहुंचाने के काम में इस्तेमाल किया जा सकता है। इतना ही नहीं, जब इसमें सवार सैनिक किसी युद्ध क्षेत्र में रस्सी के सहारे नीचे उतरते हैं तो यह हेलीकॉप्टर उन्हें क्लोज एयर सपोर्ट भी प्रदान कर सकता है। इसके जरिए सैनिकों तक गोला-बारूद, ईंधन, खाने-पीने की चीजों की सप्लाई भी की जा सकती है। एमआई-35 में एक पैसेंजर केबिन होना वास्तव में इस हेलीकॉप्टर की अद्भुत और अनूठी क्षमता का प्रदर्शन करता है।

वीआईपी ट्रांसपोर्ट हेलीकॉप्टर की तरह भी हो सकता है इस्तेमाल

Mi-35 की इंसानों को ढोने की क्षमता इसे दुनिया में सबसे आकर्षक VIP ट्रांसपोर्ट हेलीकॉप्टर बनाती है। ऐसा माना जाता है कि रूस में इसका इस्तेमाल सरकारी विमानों की कमी होने पर वीआईपी ट्रांसपोर्ट के लिए भी किया जाता है। एमआई-35 हेलीकॉप्टर रूसी रक्षा मंत्रालय और क्रेमलिन के हाई प्रोफाइल अधिकारियों को आपातकाल में बंकरों तक भी लेकर जा सकता है। ये बंकर क्रेमलिन के नेताओं को उनकी सेना के साथ संपर्क बनाए रखने में मदद करते हैं। रूस में एमआई-35 की छोटी फ्लीट संभावित रूप से एक सैन्य वीआईपी ट्रांसपोर्ट के रूप में काम करती है, जिसका इस्तेमाल रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु समेत कई अन्य शीर्ष सैन्य अधिकारी करते हैं। हालांकि, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एमआई-35 की जगह एमआई-8 एमटीवी हेलीकॉप्टर पर ही ज्यादा भरोसा करते हैं।

50 साल बाद भी दुनियाभर की सेनाओं में आपरेशनल है एमआई-35

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एमआई-35 के स्पेशल मिशन हेलीकॉप्टर को एक रक्षात्मक काउंटरमेशर्स सूट, रडार और एक विस्तृत कम्यूनिकेशन सिस्टम से लैस किया गया है। इतना ही नहीं, इस अटैक हेलीकॉप्टर को रेडुगा-एमबी सैटेलाइट कम्यूनिकेशन सिस्टम से भी लैस किया गया है। एमआई-24 परिवार का यह हेलीकॉप्टर लगभग 50 साल बाद भी उतना ही उपयोगी है, जितना अपने शुरुआती दिनों में था। यही कारण है कि इस हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल रूसी सेना अब भी बड़ी संख्या में करती है। इसके काम करने की सरल मैकेनिज्म यूजर्स को काफी पसंद आती है। इतना ही नहीं, दूसरे देशों के अटैक हेलीकॉप्टरों की तुलना में एमआई-35 का मेंटीनेंस काफी सस्ता है।

कितना ताकतवर है एमआई-35 हेलीकॉप्टर

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रूस का एमआई-35 हेलीकॉप्टर 335 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से उड़ सकता है। इसकी पहली उड़ान 19 सितंबर 1969 में आयोजित की गई थी। इसे सोवियत संघ की सेना में साल 1972 में शामिल किया गया। इस हेलीकॉप्टर की प्रसिद्धि का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है, कि इसे रूस समेत दुनिया के 58 देश ऑपरेट करते हैं। इनमें भारत भी शामिल है। अब तक इसकी 2,648 यूनिट का निर्माण किया जा चुका है। एमआई-35 हेलीकॉप्टर के एक यूनिट की कीमत 12,000,000 से 12,000,000 डॉलर के बीच है।

इतने युद्धों में हिस्सा ले चुका है एमआई-35 हेलीकॉप्टर

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एमआई-35 हेलीकॉप्टर ने लगभग पूरी दुनिया में कई युद्धों में हिस्सा लिया है। इसकी शुरुआत ईरान-इराक युद्ध (1980-1988) से हुई थी। जिसके बाद इस हेलीकॉप्टर ने निकारागुआ गृहयुद्ध (1980-1988), श्रीलंकाई गृहयुद्ध (1987-2009), पेरू के ऑपरेशन (1989-1995), खाड़ी युद्ध (1991), सिएरा लियोन गृहयुद्ध (1991-2002), क्रोएशियाई स्वतंत्रता संग्राम (1990), चेचन्या में प्रथम और द्वितीय युद्ध (1990-2000), सेनेपा युद्ध (1995), सूडानी गृहयुद्ध (1995-2005), प्रथम और द्वितीय कांगो युद्ध (1996-2003), कोसोवो युद्ध (1998-1999), उत्तर मैसेडोनिया में संघर्ष (2001), इवोरियन गृहयुद्ध (2002-2004), अफगानिस्तान में युद्ध (2001–2021), इराक युद्ध (2003-2011), सोमालिया में युद्ध (2006-2009), 2008 रूस-जॉर्जियाई युद्ध, चाड में युद्ध (2008), लीबियाई गृहयुद्ध (2011), 2010–2011 आइवरी संकट, सीरियाई गृहयुद्ध (2011-वर्तमान), दूसरा काचिन संघर्ष (2011-वर्तमान), यू.एस. इराकी विद्रोह, बलूचिस्तान विद्रोह (2012-वर्तमान), क्रीमिया संकट (2014), डोनबास में युद्ध (2014), बोको हराम के खिलाफ चाडियन आक्रमण (2015), अज़रबैजान-कराबाख (2014-2016, 2020) और यूक्रेन पर रूसी आक्रमण में हिस्सा लिया है।