चम्बा जिले की एक मिल के आटे के सैंपल फेल हो गए हैं। आटे की गुणवत्ता सही नहीं पाए जाने पर खाद्य आपूर्ति विभाग ने मिल से आटे का सैंपल जांच के लिए कंडाघाट भेजा था। इसकी जांच रिपोर्ट आ गई है और जांच में आटा तय मानकों पर खरा नहीं उतर पाया। इसके चलते विभाग ने मिल के मालिक को 20 हजार रुपए जुर्माना भी कर दिया है। इसके अलावा मिल से आटे की सप्लाई पर भी रोक लगा दी है तथा मिल मालिक को आटे की गुणवत्ता को ठीक करने के निर्देश दिए गए हैं। सैंपल फेल होने के बाद कारोबारियों में हड़कंप मच गया है।
खाद्य आपूर्ति विभाग लगातार खाद्य पदार्थों की जांच कर रहा है, शंका होने पर जांच कंडाघाट लैब में करवाई जाती है ताकि लोगों के स्वास्थ्य के साथ कोई खिलवाड़ न हो। विभाग ने इंस्पैक्टर की अगुवाई में विशेष जांच टीम का गठन किया है जो नियमित अंतराल के बाद जिले की विभिन्न जगह में जाकर खाद्य पदार्थों के सैंपल एकत्रित करती है। जिसके बाद जांच में अगर कोई सैंपल फेल हो जाता है तो संबंधित दुकानदार या मिल/कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। सैंपल फेल होने की स्थिति में चेतावनी भी दी जाती है, जिसके बाद गुणवत्ता सही न होने पर लाइसैंस को रद्द करने व सजा का भी प्रावधान है।
डिपो के नमक में नहीं कोई कमी
खाद्य आपूर्ति विभाग के डिपो में मिलने वाले नमक में कोई कमी नहीं है। विभाग ने नमक के सैंपल जांच के लिए भेजे हैं, जिसमें नमक की गुणवत्ता सही पाई गई। विभाग के मुताबिक डिपो के नमक को सब्जी या दाल के आधा पक जाने के बाद ही डालना चाहिए, जिससे सब्जी का रंग काला नहीं पड़ेगा। डिपो का नमक पौष्टिकता से भरपूर है लेकिन नमक के इस्तेमाल की जानकारी न होने के कारण सब्जी या दाल का रंग काला हो रहा है। वहीं डीएफएससी चम्बा विजय हमलाल ने बताया कि आटे का सैंपल फेल हो गया है। मिल के मालिक को 20 हजार रुपए जुर्माना किया है।