सचिन पायलट पर फिर भड़के मंत्री चांदना, बोले- जूते फेंकने वाले कीचड़, मैं खुद करूंगा उन्हें एक्सपोज

sachin Pilot and Ashok chandna conflict : खेल मंत्री अशोक चांदना अब लगातार पायलट के नाम पर मुखर होते दिखाई दे रहे हैं। पुष्कर में जूते फेंकने की घटना में वह पायलट गुट पर सीधे आरोप लगा रहे हैं।

बूंदी: पुष्कर में जूते फेंकने के मामले से आहत खेल मंत्री अशोक चांदना अब खुलकर पायलट के विरोध में आ गए हैं। बूंदी में मीडिया से बातचीत के दौरान भी वह पायलट के नाम पर मुखर होकर बोले। चांदना ने कहा जो जूते फेंकने वाले लोग थे। वह कतई लोकतंत्र में विश्वास नहीं रखते। इतना ही नहीं इस दौरान चांदना ने जूता फेंकने वालो को कीचड़ बता दिया। मंत्री ने कहा शहीदों के कार्यक्रमों में इस तरीके से जूता फेंकना लोगों की मानसिकता बताता है। यह जूता शहीदों के परिजनों को भी लगा, जो बिल्कुल सही नहीं है। घटना के पीछे कौन है यह सब जानते है।

पायलट के मुख्यमंत्री बनने वाला तंज कसने वाले बयान के सवाल पर चांदना ने कहा कि यह उनके ही लोग थे। जिन्होंने जूते फेंके, जो लगातार सभा में नारेबाजी कर रहे थे। हुड़दंग कर रहे थे। जूते तक फेंक रहे थे। उन्हें फॉलो करते हुए नजर आए हैं। तो इससे साफ पता लगता है कि कौन यह षड्यंत्र रच रहा था।

जूते फेंकने वालों का मैं खुद पर्दाफाश करूंगा….
मंत्री चांदना ने कहा कि आने वाले दिनों में जूते फेंकने वाली घटना का मैं खुद पर्दाफाश करूंगा। मीडिया के सामने इसका जवाब दूंगा। घटना प्री प्लान थी। यह आम घटना नहीं है। पूरी प्लानिंग के तहत जूते फेंकने की घटना हुई। वरना सभाएं तो पहले भी हुई। लेकिन ऐसी घटनाएं कभी नहीं हुई। हालांकि कुछ देर बाद चांदना यह भी कहते सुनाई दिए कि कहा राजनीति में ऐसी घटनाएं होती रहती है।
बूंदी में मीडिया से बातचीत करने के पहले हिंडोली में चांदना ने खेलकूद प्रतियोगिता समारोह को संबोधित करते हुए कहा एक-दो दिन से प्रदेश में कुछ घटनाक्रम चल रहा है।

उनकी किसी को परवाह करने की जरूरत नहीं है। यह सब कीचड़ कादा बाहर का है। ऐसी मानसिकता वालों को बाहर ही रहने दो। इसको अपने अंदर नहीं घुसने देना।

जूते फेंकने वाले सचिन पायलट समर्थक
जूता फेंकने की घटना से चांदना बडे आहत दिख रहे हैं। उन्होंने ट्विटर पर पायलट पर बयानी हमला किया। इस ट्विटर वार पर मंत्री चांदना ने कहा कि जूते फेंकने वाले समर्थक पायलट के समर्थक थे। वह लगातार सभा में उनके नारे लगा रहे थे। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि वह अचानक से हुआ घटनाक्रम था। पहले से षड्यंत्र रचा हुआ कार्यक्रम था। इस प्रकार के सामाजिक कार्यक्रम में हर किसी की हिम्मत नहीं होती कि वह ऐसी हरकत करें। प्रदेश सरकार के मंत्री मंच पर थे और लगातार नारेबाजी कर रहे थे जूते फेंक रहे थे तो इस घटना से यह साफ तौर से साबित होता है कि किसने यह विवाद करवाया है। चांदना ने आगे कहा कि यह विकास के मुद्दों से ध्यान अटका कर विवाद करने जैसा है।