पेयजल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह द्वारा शिक्षकों को लेकर दिए गए बयान के बाद उनकी प्रदेश में भारी किरकिरी हुई। अब जब उन्हें लगा कि यह मामला निकट भविष्य में तूल पकड़ सकता है तो मंत्री महेंद्र सिंह ने मीडिय के समक्ष अपनी सफाई दी है। महेंद्र सिंह ने कहा है कि उन्होंने यह बात मजाकिया तौर पर कही थी । उनका उद्देश्य किसी को आहत करना नहीं था। शिक्षक देश और समाज की रीड की हड्डी होते हैं। उन्होंने कहा कि मजाक के तौर पर कहे गए वह इन अपने शब्दों को वापिस लेते हैं। इस ब्यान को देख कर ऐसा लगता है कि हिमाचल प्रदेश अध्यापकों के विरोध को मंत्री जी झेल नहीं पाए और आखिर उन्हें मीडिया के समक्ष आ कर माफ़ी मांगनी पड़ी।
बता दें कि जल शक्ति मंत्री ने बीते दिनों बंजार में हुई जनसभा के दौरान कहा कि जल शक्ति विभाग के कर्मचारियों कोरोना काल में दिनरात काम किया। अन्य कर्मचारियों ने तो मजे ही किए। उन्होंने यह भी कहा था कि इस दौरान मास्टरों ने बहुत ही ज्यादा मजे किए। फिर फ्रंटलाइन वर्कर बन गए वह सबसे पहले वैक्सीन लगाने की मांग कर रहे हैं । पता नहीं उन्होंने क्या काम किया यह तो ईश्वर ही जानता है। मंत्री का इसको लेकर एक वीडियो भी वायरल हुआ। निशाने पर आने के बाद मंत्री ने इस पर सफाई दी ओर कहा है कि वह अपने शब्दों।को वापिस लेते हैं। उनका मकसद किसी को आहत करना नही था।