नाहन. हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला की पांवटा साहिब विधानसभा से विधायक व हिमाचल सरकार में उर्जा मंत्री सुखराम चौधरी की आगामी विधानसभा चुनाव में मुश्किलें बढ़ सकती हैं. एक तरफ जहां इस विधानसभा में पार्टी के कई वरिष्ट नेता नाराज होकर पार्टी का साथ छोड़ रहे हैं. वहीं अब एक प्रबल दावेदार भी सामने आए हैं.
पांवटा साहिब विधानसभा में ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी से नाराज होकर हाल में पार्टी के कुछ पुराने नेताओं ने अलविदा कह दिया है, तो एक युवा नेता को पार्टी से इस लिए निष्काषित किया गया, क्योंकि उसने टिकट की दावेदारी सार्वजनकि रूप से करने की हिम्मत जुटाई थी. बागी नेता ऊर्जा मंत्री के खिलाफ होकर अपने क्षेत्र के मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए जी तोड़ मेहनत करने में लगे हैं.
अब पिछले करीब 35 सालों से संगठन से जुड़े मदन शर्मा टिकट की दावेदारी कर रहे है. मदन शर्मा पार्टी नेता होने के साथ-साथ एक समाजसेवी के रूप में भी बड़ी पहचान पावटा साहिब विधानसभा क्षेत्र में रखते हैं. NEWS 18 से बातचीत में मदन मोहन शर्मा ने कि इस बार टिकट को लेकर दावेदारी करेंगे और यदि पार्टी ने मौका दिया तो निश्चित तौर पर वह चुनावी मैदान में उतरेंगे. उन्होंने कहा कि वह लगातार संगठन से जुड़े रहे हैं और इस दौरान विभिन्न पदों पर रहते हुए उन्होंने बखूबी अपनी जिम्मेदारियां भी निभाई है.
मदन शर्मा को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा का भी करीबी माना जाता है. हाल में पांवटा साहिब विधानसभा क्षेत्र में पहुचने पर मदन शर्मा ने JP नड्डा क अपने समर्थकों के साथ भव्य स्वागत भी किया था. मदन शर्मा का कहना है कि उन्होंने गत विधानसभा चुनाव में भी दावेदारी जताई थी मगर पार्टी हाई कमान के निर्देशों के बाद उन्होंने सुखराम चौधरी के लिए दिन रात काम किया और एक बड़े मार्जन से उन्हें जीत दिलवाई. उन्होंने माना कि पार्टी से नाराज होकर कई लोगों ने साथ छोड़ा है, जिनको समय रहते मनाया जा सकता था. मगर उस तरह की कोशिशे नहीं की गई. उन्होंने माना कि पिछले कुछ समय में पांवटा साहिब में पार्टी का ग्राफ गिरा है और संभलने की जरूरत है.
अपनों ने छोड़ दिया साथ
अपने ही करीबी नेताओं का पार्टी छोड़कर जाना और अब अपने ही करीबियों द्वारा टिकट की दावेदारी जताना दर्शाता है कि मंत्री सुखराम चौधरी पांवटा साहिब में भाजपा का कुनबा संभालने में कामयाब नहीं हो पाए हैं, हाल में पार्टी हाईकमान ने प्रदेश में कई मंत्रियों और विधायकों के टिकट काटने के भी संकेत दिए है. ऐसे में आने वाले समय में सुखराम चौधरी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.