मिर्जापुर की DM दिव्या मित्तल की दिलचस्प जर्नी, जानें दिल्ली से लेकर लंदन तक का सफर

मिर्जापुर. मिर्जापुर एक धार्मिक नगरी है. यहां के लोग ज्यादातर कार्य धर्म के नजरिए से करते हैं. इससे दिक्कत आती है या नहीं. इस सवाल का जवाब देते हुए जिलाधिकारी दिव्या मित्तल सहज लहजे में कहती हैं, ‘इंसान को ये नहीं सोचना चाहिए कि मैं कुछ न करूं, भगवान ने जो लिखा है वो तो मिल ही जाएगा. इसके बजाय व्यक्ति को मेहनत करना चाहिए और भरोसा रखना चाहिए कि भगवान मेरे साथ हैं तो सफलता जरूर मिलेगी. मेरा जन्म दिल्ली में हुआ. लेकिन परिवार मूलरूप से हरियाणा के रेवाड़ी का रहने वाली है. दिल्ली से ही 10वीं और 12वीं करने के बाद बीटेक किया और फिर आईआईएम बेंगलुरु से एमबीए.

दिव्या बताती हैं कि शादी होने के बाद उनकी और उनके पति की लंदन में बहुत अच्छे पैकेज पर नौकरी लग गई. लेकिन दूसरे देश में दोनों का ही ज्यादा दिन मन नहीं लगा. वे दोनों इस्तीफा देकर लंदन से वापस भारत लौट आए. इसी के बाद उन्होंने आईएएस की तैयारी शुरू की. 2012 में आईपीएस में चयन हो गया और गुजरात कैडर मिला. ट्रेनिंग के दौरान ही 2013 में आईएएस की परीक्षा क्वालीफाई किया.

जिलाधिकारी दिव्या मित्तल बताती हैं कि नवरात्रि के कुछ दिन पहले ही मिर्जापुर में तैनाती मिली. विंध्यवासिनी धाम की वजह से मिर्जापुर नवरात्रि में पूरे प्रदेश का केंद्र बन जाता है. मुझे अधिकारियों के नाम तक मालूम नहीं थे. मेरे लिए बहुत बड़ा चैलेंज था. इतने भव्य मेला की प्लानिंग के साथ ही अपना रेपो भी बनाना था. लेकिन मां के आशीर्वाद से सकुशल मेला संपन्न हुआ. श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा. विंध्य कॉरिडोर की जहां तक बात है, यह बहुत जरूरी कार्य है. हमारी टीम पूरी तत्परता से कार्य कर रही है. मुख्यमंत्री जी के इच्छा के मुताबिक 6 महीने के अंदर कॉरिडोर का स्वरूप दिखने लगेगा.

जनप्रतिनिधियों की सुननी चाहिए
मैं लंदन में प्राइवेट जॉब करती थी, तो वहां और यहां की राजनीति में तुलनात्मक अंतर तो नहीं बता सकती. पर राजनेता जनता के प्रतिनिधि होते हैं. हम सभी अधिकारियों को उनकी बात को जरूर सुनना चाहिए क्योंकि वो जनता के पक्ष को हमारे सामने रखते हैं. कभी-कभार उनके समर्थक उनको सही बात नहीं बताते. लेकिन आज के समय में जनप्रतिनिधि इतने परिपक्व हैं कि यदि हम सही तथ्यों की जानकारी देते हैं तो वो समझ जाते हैं.

जनपद में पर्यटन से काफी संभावनाएं
देश या राज्य की राजधानी के आसपास के क्षेत्रों का विकास उसकी वजह से होता है. ऐसे ही हमारे विकास के कुछ केंद्र बिंदु होते हैं. मिर्जापुर को काशी और प्रयाग के बीच में होने का लाभ मिलेगा. यहां पर्यटन की काफी संभावना है. धार्मिक पर्यटन के साथ ही मिर्जापुर में ऐतिहासिक धरोहरों की भी भरमार है. पहले की अपेक्षा अब पर्यटन में काफी संभावनाएं है. मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित करवाने के बाद हम शासन स्तर पर कार्य योजना बनाकर इसका प्रचार प्रसार करेंगे. जैसे दिल्ली बैठे व्यक्ति को यदि नहीं पता होगा कि मिर्जापुर में क्या है तो वो यहां क्यों आएगा, जबकि वो बनारस आ रहा है. लेकिन यदि हम उसको बता पाएं कि मिर्जापुर में भी अच्छे पर्यटन स्थल है तो लोग यहां अवश्य आएंगे.

उद्योग को मार्केट एक्सेस की योजना
किसी भी इंडस्ट्री के लिए तीन आवश्यक बिंदु होते हैं. पहला बिजली की व्यवस्था सुचारू रूप से रहे. दूसरा रॉ मैटेरियल की उपलब्धता सुनिश्चित हो ताकी उनका कार्य निर्बाध रूप से चलता रहे. तीसरा उनको चाहिए होता है मार्केट एक्सेस, जिससे उनका प्रोडक्ट आसानी से निर्यात किया जा सके. मेरा प्रयास रहेगा कि पीतल और कालीन के उद्योग का अच्छे से ब्रांडिंग हो ताकी जनपद स्तर पर इसकी अलग पहचान बनाई जा सके. आधुनिक समय में भी देश और दुनिया में इन ट्रेडिशनल प्रोडक्ट्स की बहुत डिमांड है. एमेजॉन और फ्लिपकार्ट जैसी सर्विसेज हमारे द्वारा छोटे उद्यमी के लिए प्रोवाइड कराई जाएंगी.

महिलाओं पर विशेष फोकस
देश में 50 प्रतिशत से ज्यादा आबादी महिलाओं की है. मेरा मानना है की प्रत्येक अधिकारी के फोकस में महिलाएं होनी चाहिए. मिर्जापुर जनपद का सुखद संयोग है कि यहां जिलाधिकारी और मुख्य विकास आधिकारी दोनो ही महिलाएं हैं. मूलभूत सुविधाओं की आग सबसे जायदा महिलाओं को त्रस्त करता है. महिलाओं को प्रसव के अलावा अन्य भी कई चिकित्सकीय सुविधाओं की जरूरत होती है. लेकिन जनपद में चिकित्सकीय सुविधाओं में कुछ खामियां हैं, जिसको सुधारा जाना बहुत जरूरी है. शिक्षा से महिला सुरक्षा तक जो भी समस्याएं हैं उनपर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. मैं महिलाओं से अपील करूंगी की यदि हमारी नज़रों से कुछ बच जा रहा है, आपको किसी प्रकार की कोई समस्या है तो आप मेरे पास या मुख्य विकास अधिकारी मोहदया के पास जाइए.

मिर्जापुर सीरीज की छवि बिल्कुल अलग 
मिर्जापुर वेब सीरीज की वजह से जनपद का नाम तो हुआ है. लेकिन सीरीज वास्तविकता से बिल्कुल अलग है. मेरा मानना है कि मिर्जापुर सीरीज में हमारे जनपद को सही से रिप्रेजेंट नहीं किया गया है.

मैं चाहूंगी की कहीं न कहीं सीरीज वाले जो असली मिर्जापुर है. जहां फिट हो उसकी कुछ झलक को तो जरूर दिखाएं