शुक्रवार को राजधानी शिमला के आईजीएमसी से एक मरीज को डिस्चार्ज किया गया था, जब घर के लिए उन्हें वापस ले जाया जा रहा था तो जाम में फंसने की वजह से मरीज की मौत हो गई. आरोप है कि पीने के पानी कमी को लेकर माकपा विधायक राकेश सिंघा के नेतृत्व में भेखलटी में चक्का जाम किया गया था, इसकी वजह से जाम लगा हुआ था.चिड़गांव तहसील के टिकरी गांव के निवासी 42 वर्षीय सुरेश कुमार सुपुत्र मेन राम की शिकायत पर पुलिस ने ये एफआईआर दर्ज की है. फागू चौकी में दी गई शिकायत में सुरेश कुमार ने लिखा है कि 25 जून को उनके सुसर सुखचैन सिंह को दमे की शिकायत के चलते आईजीएमसी लाया गया था, एक जुलाई को उन्हें डिस्चार्ज किया गया था.
अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद अपनी गाड़ी से घर जा रहे थे, डॉक्टर ने हिदायत दी थी कि यदि रास्ते में मरीज की तबियत खराब होती है या सांस लेने में परेशानी होती है तो तुरंत इन्हें नजदीकी अस्पताल में ले जाया जाए.
दोपहर बाद करीब 1.20 बजे जब वे फागू थोड़ा आगे पहुंचे तो वहां पर लंबा जाम लगा हुआ था. लोगों से पूछने पर पता चला कि एनएच 05 पर भेखल्टी के पास सीपीआईएम के नेता ने पानी की मांग पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसके चलते एनएच बंद किया गया है. थोड़ी देर बाद जैसे ही मरीज की तबीयत खराब होने लगी तो मदद के लिए पैदल ही भेखल्टी की तरफ भागे और पुलिस से मदद मांगी.
पुलिस ने खासी मशक्कत के बाद गाड़ी को जाम से निकाला, उसके बाद ठियोग अस्पताल पहुंचे. अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर ने मरीज को ब्रॉट डेड घोषित किया यानि अस्पताल पहुंचने से पहले ही मरीज की मौत हो गई थी. चक्का जाम और धरना प्रदर्शन में विधायक राकेश सिंघा, कुलदीप तंवर, सुरेश वर्मा, बाल कृष्ण बाली, महेंद्र वर्मा, रमेश वर्मा, जीत, राकेश आदि शामिल थे.
शिकायतकर्ता का आरोप है कि विधायक राकेश सिंघा और इनके साथियों के कारण एनएच अवरूद्ध हुआ. उनके ससुर 67 वर्षीय सुखचैन की मृत्यु ऑक्सीजन लेवल कम होने के कारण समय पर उपचार न दिला पाने के कारण हुई, राकेश सिंघा और इनके साथियों पर कार्रवाई अमल में लाई जाए. इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने राकेश सिंघा और उनके साथियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 341, 143 और 304 A के तहत मामला दर्ज किया. एफआईआर दर्ज होने पर विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि मृत्यु दुखद है, उन्हें इस पर खेद है.