350 रूपये दिहाड़ी ना मिलने पर संधोल में मनरेगा मज़दूर यूनियन ने किया प्रदर्शन350 रूपये दिहाड़ी ना मिलने पर संधोल में मनरेगा मज़दूर यूनियन ने किया प्रदर्शन
350 रूपये दिहाड़ी ना मिलने पर संधोल में मनरेगा मज़दूर यूनियन ने किया प्रदर्शन
-सीटू से सबंधित मनरेगा व निर्माण मज़दूर यूनियन तहसील कमेटी संधोल ने राज्य सरकार द्धारा मनरेगा मज़दूरों को निर्धारित 350 रु दिहाड़ी न देने तथा श्रमिक कल्याण बोर्ड से बाहर करने की कड़े शब्दों में निंदा की है।यूनियन ने मज़दूरों को मिलने वाले लाभ बन्द करने पर हैरानी जताई और सरकार के इस फ़ैसले को मज़दूर विरोधी बताया है। यूनियन के बैनर तले आज मज़दूरों ने संधोल तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री को माँगपत्र भेजा जिसमें मज़दूरों की दिहाड़ी बढ़ाने तथा श्रमिक कल्याण बोर्ड के लाभ जारी रखने की मांग की है। आज सौंपे गए माँगपत्र का नेतृत्व यूनियन की तहसील कमेटी की प्रधान रीतू देवी सचिव रोहणी देवी और कोषाध्यक्ष लुददर सिंह ने किया तथा राज्य महासचिव व पूर्व ज़िला पार्षदभूपेंद्र सिंह भी उनके साथ विशेष तौर पर शामिल हुए।उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार द्धारा मनरेगा मज़दूरों को राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड की सदस्यता से वंचित कर दिया है और उन्हें मिलने वाली सहायता जारी करने पर भी रोक लगा दी है जिससे सबसे ज्यादा मनरेगा मज़दूर धर्मपुर खण्ड से सबंधित हैं जिन्हें बोर्ड से मिल रही सहायता बन्द हो जाएगी।भूपेंद्र सिंह ने बताया कि एक तरफ़ जलशक्ति मंत्री ने इन मज़दूरों के पंजीकरण व अन्य लाभ इत्यादि के कार्य धर्मपुर में ही करवाने के लिए यहां पर दफ्तर खोलने का निर्णय लिया है लेकिन मज़दूरों को सदस्य बनने पर रोक लगा दी है।भाजपा की राज्य सरकार लगातार मनरेगा मज़दूरों के विरोध की नीतियां लागू कर रही है।केंद्र सरकार ने मनरेगा का बजट कम कर दिया है जिसके कारण मज़दूरों को सौ दिनों का काम नहीं मिल रहा है।राज्य सरकार मनरेगा मज़दूरों को न्यून्तम 350 रु मज़दूरी लागू नहीं कर रही है और उन्हें 212 रु ही दिए जाते हैं।अब राज्य सरकार ने मनरेगा मज़दूरों को राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड से मिलने वाली सहायता भी बन्द कर दी है।जिस कारण अब मज़दूरों के बच्चों को मिलने वाली शिक्षण छात्रवृति, विवाह शादी, चिकित्सा, प्रसूति, पेंशन इत्यादि की सहायता बन्द हो जाएगी।इससे पहले वर्तमान भाजपा सरकार ने मज़दूरों को मिलने वाली सहायता सामग्री जैसे वाशिंग मशीन, इंडक्शन हीटर, सोलर लैम्प, साईकल, कंबल, डिन्नर सैट, टिफ़िन बॉक्स, वाटर फिल्टर इत्यादि भी बन्द कर दिये हैं।यही नहीं वर्त्तमान सरकार में जलशक्ति मंत्री ने पिछले चुनावों के समय महिला मज़दूरों को वाशिंग मशीन के बदले 12-12 हज़ार रुपये देने की बात कही थी लेकिन पांच साल बाद उनकी सरकार ने मज़दूरों के सभी प्रकार के लाभ बन्द कर दिये हैं।मनरेगा मज़दूरों को बोर्ड का सदस्य बनने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है जिस कारण धर्मपुर के तीस हजार मनरेगा मज़दूरों की सहायता बन्द हो गई है।यूनियन ने मांग की है कि सरकार जल्दी अपना फ़ैसला बदले अन्यथा यूनिन इसे आने वाले विधानसभा चुनावों में मुद्दा बनायेगी और भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए अभियान चलाएगी।