सीटू से सबंधित मनरेगा व निर्माण मज़दूर यूनियन धर्मपुर खण्ड कमेटी ने राज्य सरकार द्धारा मनरेगा मज़दूरों को श्रमिक कल्याण बोर्ड से मिलने वाले लाभ बन्द करने का कड़ा विरोध किया है और इस फ़ैसले को रद्द करने की मांग की है। यूनियन के अध्यक्ष करतार सिंह चौहान, प्रकाश वर्मा, रामचन्द ठाकुर,मोहनलाल, कश्मीर सिंह, लुददर सिंह,मान सिंह, कीर्णवाला शर्मा, निर्मला देवी, सत्या देवी,मंजू देवी, पूजा देवी, अति देवी, पूजा, शांता, कुंता, कंचनलता, नीलम, रसीमा, सिमरो, शोमा, लता, कृष्णि देवी इत्यादि ने इसे सरकार का मनरेगा मज़दूर विरोधी फ़ैसला बताया है।यूनियन ने निर्णय लिया गया कि हिमाचल सरकार द्धारा मनरेगा मज़दूरों को राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड की सदस्यता से वंचित करने के ख़िलाफ़ 10 अक्टूबर को टिहरा 11 को संधोल और 12 अक्टूबर को धर्मपुर में प्रदर्शन किये जायेंगे और मुख्यमंत्री को माँगपत्र भेजे जाएंगे ।इन प्रदर्शनों से पहले पँचायत स्तर पर पर्चा वितरित करके मज़दूरों को सरकार के फ़ैसले के बारे में जागरूक किया जायेगा। यूनियन के प्रधान ने कहा कि मंडी ज़िला में सबसे ज्यादा मनरेगा मज़दूर धर्मपुर खण्ड से सबंधित हैं जिन्हें बोर्ड से सहायता मिल रही है और इनका पंजीकरण बोर्ड से करवाने में यूनियन ने प्रमुख रूप से काम किया है। उधर सीटू के ज़िला प्रधान व पूर्व ज़िला पार्षद प भूपेंद्र सिंह ने कहा कि वर्तमान केंद्र व राज्य सरकार लगातार मनरेगा मज़दूरों के विरोध की नीतियां लागू कर रही है।केंद्र सरकार ने मनरेगा का बजट कम कर दिया है जिसके कारण मज़दूरों को सौ दिनों का काम नहीं मिल रहा है।राज्य सरकार मनरेगा मज़दूरों को न्यून्तम 350 रु मज़दूरी लागू नहीं कर रही है और उन्हें 212 रु ही दिए जाते हैं।अब राज्य सरकार ने मनरेगा मज़दूरों को राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड से मिलने वाली सहायता भी बन्द कर दी है।जिस कारण अब मज़दूरों के बच्चों को मिलने वाली शिक्षण छात्रवृति, विवाह शादी, चिकित्सा, प्रसूति, पेंशन इत्यादि की सहायता बन्द हो जाएगी।इससे पहले वर्तमान भाजपा सरकार ने मज़दूरों को मिलने वाली सहायता सामग्री जैसे वाशिंग मशीन, इंडक्शन हीटर, सोलर लैम्प, साईकल, कंबल, डिन्नर सैट, टिफ़िन बॉक्स, वाटर फिल्टर इत्यादि भी बन्द कर दिये हैं।यही नहीं अब राज्य सरकार ने मनरेगा मज़दूरों को बोर्ड का सदस्य बनने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है जिस कारण प्रदेश के दो लाख मनरेगा मज़दूरों की सहायता बन्द हो गई है।यही नहीं पिछले चुनावों के समय जलशक्ति मंत्री ने मनरेगा मज़दूरों से वादा किया था कि वे महिला मज़दूरों को वाशिंग मशीन के बदले 12 हज़ार रुपये दिलवाएंगे लेक़िन वे पांच साल के कार्यकाल में ये नहीं करवा पाए उल्टा अब उनकी सरकार ने तो अब जो लाभ मिल भी रहे थे उन्हें भी बन्द कर दिया।यूनियन ने मांग की है कि सरकार जल्दी अपना फ़ैसला बदले अन्यथा यूनिन इसे आने वाले विधानसभा चुनावों में मुद्दा बनायेगी और भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए काम करेगी।