ट्रैक्टर जंक्शन की है रिपोर्ट
किसानों के लिए देश के अग्रणी डिजिटल मार्केट प्लेस ट्रैक्टर जंक्शन ने आधुनिक किसानों पर एक रिपोर्ट जारी किया है। इसमें क्षेत्र के हिसाब से सबसे आधुनिक किसानों की जानकारी दी गई है। इसके मुताबिक भारतीय किसान तेजी से माडर्न हो रहे हैं। वे नई तकनिक को अपना रहे हैं। इसमें उनका सहायक बना है स्मार्टफोन। इसके जरिए वह अपने कृषि कौशल को उन्नत कर रहे हैं। इसे खुद भी अपना रहे हैं और दूसरों को भी अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
सबसे ज्यादा आधुनिक किसान कहां के?
ट्रैक्टर जंक्शन के एक अध्ययन के अनुसार, सबसे ज्यादा आधुनिक किसान उत्तर प्रदेश राज्य से हैं। इसके बाद मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र के किसान आते हैं। ये राज्य उन आधुनिक किसानों की सूची में सबसे आगे हैं, जो टेलीमैटिक्स आधारित ट्रैक्टर, मिट्टी परीक्षण और ड्रोन द्वारा कृषि निगरानी जैसी तकनीकों का लाभ उठा रहे हैं। इससे कृषि उपज और अन्न की गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ है।
क्यों औरों से अलग हैं इन राज्यों के किसान?
इन राज्यों में विभिन्न एग्रीटेक स्टार्टअप किसानों को उपज की गुणवत्ता में सुधार करने, लागत को अनुकूलित करने और उन्नत एवं डिजिटल कृषि प्रौद्योगिकियों के साथ खाद्य चीज़ो के बारे में पता लगाने की क्षमता को सुनिश्चित करने में मदद कर रहे हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-आधारित स्पेक्ट्रल एनालिटिक्स, इमेज एनालिटिक्स और सेंसर एनालिटिक्स के साथ, ये राज्य गुणवत्तापूर्ण फसल प्रबंधन में आगे हैं। तकनीक से संचालित कृषि अधिक आय सृजन के लिए पराली और फसल अवशेषों के स्थायी प्रबंधन को सक्षम बना रहें है। और इन क्षेत्रों के किसान अब ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से कृषि गतिविधियों का लाभ उठा रहे हैं।
सबसे आधुनिक किसान वाले शीर्ष 10 राज्य
माडर्न तरीके से खेती करने में देश के 10 राज्यों के किसानों का स्थान है। इनका क्रम निम्नलिखित है:-
स्मार्टफोन से स्मार्ट हो रहे हैं किसान
इस अध्ययन पर ट्रैक्टर जंक्शन के संस्थापक और सीओओ अनिमेश अगरवाल का कहना है “अब शहरी और ग्रामीण भारत के बीच डिजिटल विभाजन तेजी से कम हो रहा है। यह किफायती स्मार्टफोन की उपलब्धता और भारत के ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट की गहरी पहुंच के कारण है। यह नए युग के कृषि-तकनीक प्लेटफार्मों के साथ, जो किसानों को सही कृषि उपकरण चुनने में मदद करने के लिए कई विषयों पर जानकारी प्रदान करता है, यह भारतीय किसानों को और भी ज्यादा आधुनिक बना रहा है।”
शहरी-ग्रामीण डिजिटल विभाजन हो रहा है कम
किसानों के लिए जानकारी का प्राथमिक स्रोत स्मार्टफोन बन रहा है। इसी की वजह से शहरी-ग्रामीण डिजिटल विभाजन का अंतर तेजी से कम हो रहा है। अब दूर-दराज के इलाकों के किसान भी तकनीकी रूप से उन्नत हो रहे हैं। स्मार्टफोन उपयोगकर्ता के बीच जो अंतर कुछ साल पहले 1:4 हुआ करता था वह अब 1:1.2 हो गया है। पहले किसान रेडियो के माध्यम से सूचना प्राप्त करते थे। अब वही किसान यू ट्यूब और एग्री पोर्टल जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से कृषि संबंधी ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं।