प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश ही पूरी दुनिया में छा गए है। अब मोदी की इस ताकत को भाजपा विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल करेगी। या फिर युं कहे कि जिस तरह से बड़ा – छोटा, बजुर्ग, युवा सभी मोदी के कायल है। यही वजह है कि विधानसभा चुनाव में राज्यों के मुख्यमंत्री की जगह पर मोदी ब्रांड चलेगी। 2023 तक होने वाले सभी विधानसभा चुनाव सामूहिक नेतृत्व में लड़ेगी। रणनीति के मुताबिक किसी भी राज्य में मुख्यमंत्री का नाम प्रोजेक्ट नहीं किया जाएगा। हालांकि, मौजूदा मुख्यमंत्रियों को चुनाव जीतने के बाद भी सीएम बने रहने का मौका मिल सकता है। इस साल के आखिर में गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव हैं। जबकि अगले साल कर्नाटक, त्रिपुरा, मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने हैं।
– सीएम के नेतृत्व से बचने की जरूरत क्यों?
हिमाचल, गुजरात, त्रिपुरा और मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार है। पिछले दिनों संसदीय बोर्ड के पुनर्गठन के बाद आला नेताओं की इस बात पर सहमति बनी कि सत्तारूढ़ राज्यों के नेतृत्व को लेकर सत्ता-विरोधी रुझान हैं। संगठन स्तर पर आपसी तालमेल की कमी है। ऐसे में मौजूदा मुख्यमंत्रियों के नेतृत्व में चुनाव लडऩे के विकल्प से बचने की जरूरत है।