मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिमला आकर रिज पर राष्ट्रीय सम्मेलन के लिए सजे मंच से न केवल मिशन रिपीट का शंख बजाएंगे, बल्कि वह यहां के लोगों की नब्ज टटोलकर भी जाएंगे।
आठ साल के जश्न के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिमाचल में मिशन रिपीट का शंखनाद करेंगे। भाजपा का उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बाद अब हिमाचल में भी ट्रेंड तोड़ने का लक्ष्य है। उत्तर प्रदेश में करीब तीन दशक और उत्तराखंड में सरकार दोबारा नहीं बनने का ट्रेंड हाल ही में टूटा है। भाजपा ने दोनों राज्यों में सरकारें रिपीट की हैं। यह कामयाबी ठीक ऐसे वक्त में मिली है, जब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा हिमाचल से हैं। मणिपुर और गोवा में भी भाजपा ने परचम लहराया है। इस ऐतिहासिक जीत के बाद भाजपा हिमाचल को गंवाना नहीं चाहेगी। यहां भी दशकों से पांच साल भाजपा और पांच वर्ष कांग्रेस के ही सत्ता में आने का ट्रेंड रहा है। मोदी हिमाचल को बेहतर समझते हैं।
1998 में जब प्रेमकुमार धूूमल के नेतृत्व में भाजपा सरकार बनी थी, उस समय मोदी पार्टी के प्रभारी थे। उससे पहले से ही वह हिमाचल के गांव-गांव का दौरा कर यहां की भौगोलिक परिस्थितियों को अच्छी तरह से समझ चुके थे। मोदी अपनी कर्मभूमि रहने पर भी हिमाचल में विशेष दिलचस्पी लेते हैं। यही वजह है कि वह विधानसभा चुनाव को गंभीरता से ले रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को खुद सुझाया कि वह अपने आठ साल के कार्यकाल का जश्न शिमला में मनाएंगे। मंगलवार को मोदी शिमला आकर रिज पर राष्ट्रीय सम्मेलन के लिए सजे मंच से न केवल मिशन रिपीट का शंख बजाएंगे, बल्कि वह यहां के लोगों की नब्ज टटोलकर भी जाएंगे। इसके बाद वह ट्रेंड की दुहाई देते हुए सत्ता में आने को व्यग्र कांग्रेस को धराशायी करने की अगली सियासी रणनीति बनाएंगे।