मोहन लाल शर्मा को जन्मदिन पर मिला शिक्षक अवार्ड का तोहफा

कांगू स्कूल से बारहवीं तक शिक्षा ग्रहण करने के बाद मोहन ने 1989 में हमीरपुर डिग्री कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की। वर्तमान में वह एमए और एमएड की डिग्रीधारक हैं। 16 मार्च 1998 को सिरमौर जिले के शिलाई स्थित राजकीय प्राथमिक पाठशाला में बतौर जेबीटी शिक्षक ज्वाइन किया।

जेबीटी शिक्षक मोहन लाल शर्मा

जन्मदिवस पर एक शिक्षक के लिए शिक्षक पुरस्कार से बड़ा और क्या तोहफा हो सकता है। यह कहना है हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले की राजकीय प्राथमिक पाठशाला पल्लवीं के जेबीटी शिक्षक मोहन लाल शर्मा का। दरअसल मोहन लाल शर्मा का चयन प्रदेश शिक्षा विभाग की ओर से राज्य स्तरीय शिक्षक अवार्ड के लिए हुआ है।  कांगू स्कूल से बारहवीं तक शिक्षा ग्रहण करने के बाद मोहन ने 1989 में हमीरपुर डिग्री कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की। वर्तमान में वह एमए और एमएड की डिग्रीधारक हैं। 16 मार्च 1998 को सिरमौर जिले के शिलाई स्थित राजकीय प्राथमिक पाठशाला में बतौर जेबीटी शिक्षक ज्वाइन किया।

14 साल सिरमौर में सेवाएं देने के बाद मोहन लाल का तबादला 2012 में हमीरपुर जिले की राजकीय प्राथमिक पाठशाला पल्लवी में हुआ। वह बताते हैं कि जब उन्होंने ज्वाइन किया तो तब स्कूल में 25 से कम विद्यार्थी थे और स्टाफ भी कम था। स्कूल में बच्चों की संख्या कम हो रही थी। उन्होंने पीटीए पर शिक्षक रखकर स्टाफ की कमी को दूर करवाया। 2013 से स्कूल में प्री-प्राइमरी कक्षाएं और इंग्लिश माध्यम में पढ़ाई भी शुरू करवाई। जबकि प्रदेश सरकार ने वर्ष 2018 से अधिकारिक रूप से स्कूलों में प्री-प्राइमरी कक्षाएं शुरू करवाई हैं। स्कूल के शिक्षकों की ही मेहनत है, जिसके परिणाम स्वरूप आज स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या 55 से ऊपर है।
सात गांव का एक भी बच्चा निजी स्कूल में नहीं
शिक्षा खंड गलोड़ के तहत जहां पल्लवी स्कूल है, वहां के आसपास करीब सात गांव से एक भी बच्चा निजी स्कूल में नहीं है। शिक्षकों से लेकर अन्य सभी परिवारों के बच्चे सरकारी स्कूल पल्लवी में पढ़ते हैं। समाजसेवी बलदेव शर्मा ने स्कूल के लिए 75 हजार रुपये की एफडी करवाई थी। इससे प्राप्त होने वाले ब्याज की राशि से कक्षा प्रथम से पांचवीं तक वार्षिक परीक्षाओं में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर रहने वाले मेधावियों को क्रमश: 400, 350 और 250 रुपये दिए जाते हैं। जनसहयोग के तहत स्कूल में वाटर कूलर, फ्रिज, पानी की टंकी, सोफा, टियाला समेत अन्य विकास कार्यों पर सात लाख रुपये की राशि खर्च हो चुकी है।