Mokama and Gopalganj by election 2022: अनंत सिंह के गढ़ में BJP की कितनी ताकत, ‘मिशन MG’ में क्या होगी नीतीश-तेजस्वी की प्लानिंग?

Mokama and Gopalganj by election 2022: भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार समेत छह राज्यों में होने वाले उप चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है। इसके तहत 3 नवंबर को मतदान तो 6 नवंबर को मतगणना कर 8 नवंबर तक चुनाव की सारी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। यह चुनाव बीजेपी के लिए काफी अहम माना जा रहा है।

नीलकमल, पटना: बिहार में मोकामा और गोपालगंज की खाली पड़ी विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं। इनमें से मोकामा विधानसभा से आरजेडी विधायक अनंत सिंह को अदालत की ओर से सुनाई गई सजा के कारण विधायकी गवानी पड़ी है तो गोपालगंज में बीजेपी विधायक सुभाष सिंह की बीमारी से हुई मौत के बाद खाली हुई सीट पर चुनाव होने हैं।

वैसे तो बिहार में विधानसभा के चुनाव 2025 में होने हैं। इसके पहले 2024 में लोकसभा का चुनाव बीजेपी के लिए काफी महत्वपूर्ण है। नीतीश कुमार की ओर से महागठबंधन की सरकार बनाने के बाद से ही बिहार की सियासत काफी गरमाई हुई है। एक तरफ जहां महागठबंधन के भीतर ही जेडीयू और आरजेडी के बीच बयानबाजी जारी है तो दूसरी तरफ बीजेपी की ओर से लगातार नीतीश कुमार पर हमला किया जा रहा है।

बीजेपी और महागठबंधन की ओर से एक दूसरे को अगले चुनाव में देख लेने की बात कही जा रही है। ऐसे में बिहार विधानसभा की 2 सीटों पर होने वाले उपचुनाव काफी रोमांचक रहने के आसार हैं। क्योंकि 2020 विधानसभा चुनाव में आरजेडी के टिकट पर अनंत सिंह ने जेडीयू के उम्मीदवार को हराया था तो, बीजेपी ने गोपालगंज में आरजेडी के उम्मीदवार को हराकर सीट हासिल की थी।

मोकामा से नीलम देवी हो सकती हैं आरजेडी की उम्मीदवार
AK-47 राइफल रखने के आरोप में अदालत से सजा पाने वाले आरजेडी विधायक अनंत सिंह की विधायकी चली गई। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 6 नवंबर को होने वाले उपचुनाव में निवर्तमान विधायक अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी को आरजेडी की ओर से उम्मीदवार बनाया जा सकता है। आपको बता दें कि क्षेत्र में अनंत सिंह की पकड़ काफी मजबूत है। ऐसे में आरजेडी यह कतई नहीं चाहेगी कि जिस सीट पर उसका कब्जा है वह गवां दे।

2005 से लगातार जीत दर्ज करते रहे हैं अनंत सिंह
बाढ़ के लदमा के रहने वाले अनंत सिंह लगातार चार बार चुनाव जीतकर विधायक बन चुके हैं। सबसे पहले उन्होंने 2005 (2005 में ही दो बार मार्च और अक्टूबर) में जेडीयू के टिकट पर चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। इसके बाद 2010 में भी जनता दल यूनाइटेड के टिकट पर ही चुनाव लड़कर जीत हासिल करने वाले अनंत सिंह के नीतीश कुमार से संबंध खराब हो गए और 2015 में उन्होंने मोकामा से ही निर्दलीय चुनाव लड़कर चौथी बार जीत हासिल की थी। इसके बाद लालू प्रसाद यादव के साथ अनंत सिंह की नज़दीकियां बढ़ी और 2020 में राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़कर पांचवी बार जीत हासिल की थी।

बीजेपी ने 1995 के बाद से नहीं उतारा कोई उम्मीदवार
मोकामा विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी ने 1995 के बाद के अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है। 1995 के बाद से जब तक बीजेपी और जेडीयू का गठबंधन रहा यह सीट जेडीयू के पास रही। जेडीयू से अलग होकर 2015 में चुनाव लड़ने वाली बीजेपी ने इस सीट को लोक जनशक्ति पार्टी के हवाले कर दिया था। 2015 में एलजेपी ने ललन सिंह को चुनावी अखाड़े में उतारा था, लेकिन निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अनंत सिंह से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। 2020 विधानसभा का चुनाव जेडीयू और बीजेपी ने साथ मिलकर लड़ा था इसलिए यह सीट फिर से जेडीयू के पास चली गई थी। लेकिन एक बार फिर आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे अनंत सिंह ने जेडीयू के कैंडिडेट को पराजित किया था। इधर, 2015 में लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले ललन सिंह ने एनडीए से टिकट नहीं मिलने की वजह से पप्पू यादव की पार्टी का झंडा उठा लिया था।

गोपालगंज से सुभाष यादव की पत्नी हो सकती हैं बीजेपी के उम्मीदवार
NDA सरकार में सहकारिता मंत्री रहे गोपालगंज के विधायक सुभाष सिंह की मृत्यु लंबी बीमारी की वजह से हो गई थी। सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार बीजेपी इस सीट पर सुभाष सिंह की पत्नी को अपना उम्मीदवार बना सकती है। बताया जा रहा है कि गोपालगंज में सुभाष सिंह की पत्नी अगर चुनाव लड़ती हैं तो उनकी जीत पक्की है। ऐसे में बिहार विधान सभा की 2 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में नतीजा बराबर का रह सकता है।