Monkeypox: मंकीपॉक्स पीड़ित वोल्वो से लौटा था दिल्ली, मनाली में ठहरने की लोकेशन अभी नहीं मिली

खंड चिकित्सा अधिकारी नग्गर डॉ. रणजीत सिंह ने बताया कि उन्हें अधिकारिक तौर पर कहीं से भी कोई सूचना नहीं मिली है। उन्होंने मीडिया और सोशल मीडिया में मंकीपॉक्स के मामले के बारे में सुनकर अपने स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है। 

मंकीपॉक्स संक्रमण(सांकेतिक)
हिमाचल प्रदेश की पर्यटन नगरी मनाली से घूमकर दिल्ली लौटे मंकीपॉक्स संक्रमित व्यक्ति के यात्रा इतिहास का विभाग अभी पता नहीं लगा पाया है। अभी तक उसकी होटल में ठहरने की लोकेशन का भी पता नहीं चला है। बताया जा रहा है कि संक्रमित व्यक्ति 25 जून को दिल्ली से मनाली आया था। 26 जून को एक पार्टी करने के बाद 27 जून को वोल्वो बस से दिल्ली लौट गया था। एक सप्ताह पहले उसमें मंकीपॉक्स के लक्षण पाए गए हैं। उसकी ट्रैवल हिस्ट्री का पता लगाया जा रहा है। उधर, स्वास्थ्य विभाग मनाली के अस्पतालों में का रिकॉर्ड जांच रहा है। खंड चिकित्सा अधिकारी नग्गर डॉ. रणजीत सिंह ने बताया कि उन्हें अधिकारिक तौर पर कहीं से भी कोई सूचना नहीं मिली है। उन्होंने मीडिया और सोशल मीडिया में मंकीपॉक्स के मामले के बारे में सुनकर अपने स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है।

उन्होंने बताया कि सीएचसी मना

ली, हरिहर और मिशन सहित सभी अस्पतालों में जाकर पिछले माह के 25 और 26 जून के रजिस्टर चैक किए गए हैं, लेकिन मंकीपॉक्स के लक्षणों वाला कोई मामला नहीं मिला है। इन दिनों भी मंकीपॉक्स वाले खांसी, बुखार, कमजोरी सहित अन्य लक्षणों वाला कोई मरीज नहीं मिला। कहा कि मंकीपॉक्स कोरोना की तरह जानलेवा नहीं है।

 मंकीपॉक्स का मामला सामने आने के बाद मनाली के होटलियर भी दहशत में हैं। मनाली होटलियर एसोसिएशन के अध्यक्ष मुकेश ठाकुर ने कहा कि एसोसिएशन ने मनाली के सभी होटलियरों को अलर्ट भेजा है कि अगर यह व्यक्ति कहीं किसी कि होटल में रुका तो वह इसकी सूचना एसोसिएशन या प्रशासन को दें, लेकिन अभी किसी ने कोई जानकारी नहीं दी है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी कुल्लू डॉ. सुशील चंद्र शर्मा ने कहा कि उन्हें मंकीपॉक्स की चपेट में आए व्यक्ति को लेकर किसी तरह सूचना नहीं है।

मंकीपॉक्स से निपटने के लिए तैयारियों में जुटा विभाग 
वहीं, हिमाचल में मंकीपॉक्स संक्रमण से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। सभी जिलों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश में अभी मंकीपॉक्स संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है।

स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि 21 दिन में कोई व्यक्ति मंकीपॉक्स की चपेट में आए व्यक्ति के संपर्क में आया है तो लक्षण दिखने पर तुरंत इसकी जानकारी जानकारी निकटतम स्वास्थ्य संस्थान को दे। कमजोर इम्युनिटी वाले व्यक्तियों में मंकीपॉक्स के संक्रमण के गंभीर प्रभाव पड़ने की अधिक आशंका रहती है। हाल ही में मनाली से घूमकर दिल्ली लौटने के बाद मंकीपॉक्स संक्रमित व्यक्ति की प्रदेश में मौजूदगी के बारे में स्वास्थ्य मंत्रालय से संपर्क किया गया है। जानकारी मिलने पर दिशा-निर्देशों के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। 

मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने पर टांडा के विशेष वार्ड में रखे जाएंगे व्यक्ति

 देश में मंकीपॉक्स संक्रमण के मामले आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने भी तैयारियां शुरू कर दी हैं। जिला कांगड़ा में यदि किसी व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण पाए जाते हैं तो उसे आवश्यक जांच और उपचार के लिए टांडा मेडिकल कॉलेज में बनाए गए विशेष वार्ड में रखा जाएगा। मंकीपॉक्स वायरस की चपेट में आए मनाली से घूमकर दिल्ली लौटे व्यक्ति के संपर्क में अगर प्रदेश का कोई व्यक्ति आया होगा तो परेशानियां बढ़ सकती हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कांगड़ा डॉ. गुरदर्शन गुप्ता ने बताया कि जिले के सभी अस्पतालों को केंद्र से आए दिशा-निर्देश भेज दिए गए हैं। 

उन्होंने कहा कि सभी अस्पतालों को तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं। जिला कांगड़ा में अभी किसी व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण नहीं मिले हैं। इस संक्रमण से घबराने की जरूरत नहीं है। जिले में इस तरह के मामले आते हैं तो उनसे निपटने में विभाग पूरी तरह सक्षम है। कहा कि फिलहाल इससे निपटने के लिए किसी तरह की विशेषज्ञों की कमेटी की आवश्यकता नहीं है। जरूरत पड़ने पर ही इसका गठन किया जाएगा।

संक्रमित के संपर्क में आने के बाद 21 दिन में दिखते हैं लक्षण 
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित व्यक्ति को तेज बुखार, त्वचा पर चकते, चेहरे, हाथ, पैर, हथेलियों और तलवों तक पड़ते हैं। संक्रमित व्यक्ति को सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकावट, गले में खराश और खांसी आती है। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के 21 दिनों के भीतर अगर इनमें से कोई लक्षण दिखाई देता है तो तुरंत चिकित्सीय सलाह लें। मंकीपॉक्स से संक्रमित व्यक्ति को कई अन्य परेशानियां हो सकती हैं। आंख में दर्द या धुंधला दिखना, सांस लेने में दिक्कत, सीने में दर्द, पेशाब कम आना, बार-बार बेहोश होना और दौरे पड़ना जैसे दिक्कतें आती हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार जिन लोगों की इम्युनिटी कमजोर होती है, उन्हें अधिक जोखिम होने की संभावना रहती है।