कोरोना खत्म नहीं हुआ है और मंकीपॉक्स ने देश में दस्तक दे दी है। इसने दोतरफा चुनौती बढ़ा दी है। ज्यादा टेंशन बच्चों की है। कारण है कि स्कूल खुले हुए हैं। ऐसे में बच्चों के साथ खास एहतियात बरतने की जरूरत है। उन्हें समझाना है कि पढ़ाई के साथ स्वास्थ्य की भी देखभाल करना है।
केरल सरकार ने मंगलवार को अलप्पुझा के राष्ट्रीय विषाणु रोग विज्ञान संस्थान (एनआईवी) की प्रयोगशाला में मंकीपॉक्स की जांच शुरू कर दी है। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने यह जानकारी दी। जार्ज ने बताया कि जांच किट एनआईवी, पुणे से मंगाई गई है। राज्य के अलग-अलग जिलों से नमूने अलप्पुझा लाए जा रहे हैं। केरल के कन्नूर में सोमवार को एक व्यक्ति के मंकीपॉक्स से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी। भारत में मंकीपॉक्स संक्रमण का यह दूसरा मामला है। केरल के कन्नूर का 31 वर्षीय यह व्यक्ति दुबई से लौटा था।
कोरोना ने भी बढ़ाई है टेंशन
मंकीपॉक्स के साथ कोरोना की टेंशन भी बनी हुई है। अब भी हजारों की संख्या में नए केस आ रहे हैं। मंगवार को देशभर में कोरोना के 15,528 नए मामले सामने आए। इसके बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 4,37,83,062 हो गई थी। तमिलनाडु और बंगाल उन राज्यों में शामिल हैं, जहां से कोरोना के सबसे ज्यादा केस सामने आ रहे हैं। मंगलवार को तमिलनाडु में 2,142 नए केस रेकॉर्ड किए गए। राज्य में कोरोना से अब तक 38,030 लोगों की मौत हो चुकी है। बंगाल में भी पिछले कुछ दिनों में कोरोना के मामले बढ़े हैं। रविवार को राज्य में कोरोना के 2,659 नए केस सामने आए थे। सोमवार को यह आंकड़ा 1,449 रहा। इस दौरान संक्रमण से छह लोगों की मौत हो गई।
स्कूल में बच्चे, बढ़ रही चिंता
देश में मंकीपॉक्स की दस्तक और कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सबसे ज्यादा चिंता बच्चों को लेकर है। स्कूल पूरी तरह से खुल चुके हैं। बच्चे पढ़ने जा रहे हैं। ऑनलाइन क्लासेज तकरीबन खत्म हो चुकी हैं। ऐसे में जरूरी है कि उन पर खास ध्यान दिया जाए। उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखने के साथ क्लास में भी मास्क लगाए रखने के लिए प्रोत्साहित करना जरूरी है। ताजा हालातों में स्कूलों की भी जिम्मेदारी है कि वे कोरोना एप्रोप्रिएट बिहेवियर को अपनाएं। इसमें क्लास का सैनिटाइजेशन और दूसरे साफ-सफाई के कदम जरूरी हैं। बेशक, बच्चों की पढ़ाई जरूरी है। लेकिन, उनके लिए सुरक्षित माहौल बनाना भी अहम है। 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू हो चुका है। ऐसे में पैरेंट्स को उन्हें जरूर से जरूर टीका लगवा देना चाहिए। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही घातक साबित हो सकती है।