Monkeypox News : दिल्ली में मंकीपॉक्स पेशेंट के 13 करीबी आइसोलेट, अब हिमाचल में ढूंढा जा रहा

दिल्ली में मंकीपॉक्स से संक्रमित मरीज की हालत स्थिर है और वह ठीक हो रहा है। मरीज के संपर्क में आए लोगों को आइसोलेट कर दिया गया है। अधिकारियों ने बताया है कि संक्रमण के स्रोत को जानने, रोगी के संपर्क में आए लोगों का तेजी से पता लगाने, जांच को लेकर संवेदनशीलता पैदा करने जैसे सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों पर काम किया जा रहा है। LNJP में मंकीपॉक्स से पीड़ित मरीजों के लिए अलग वार्ड बनाया गया है।

नई दिल्ली: राजधानी के पश्चिम विहार इलाके में मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आने के बाद मरीज के संपर्क में आए 13 लोगों को 21 दिन के लिए पश्चिमी जिला प्रशासन ने आइसोलेट कर दिया है। अहम बात यह है कि इन 13 लोगों में मरीज के करीबी, दोस्त के साथ मरीज का सबसे पहले इलाज करने वाले डॉक्टर, वहां के रिसेप्शनिस्ट और स्टाफ नर्स भी शामिल हैं। सभी लोगों को उनके घरों में ही आइसोलेट किया गया है। अधिकारियों के अनुसार, केंद्र सरकार की तरफ से मिली अब तक की गाइडलाइंस का पालन किया जा रहा है। पंजाबी बाग सब डिविजन के प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि मामले की जानकारी बीते शुक्रवार को हुई थी। इसके बाद ही संदिग्ध को एलएनजेपी में भर्ती कर दिया गया था। रविवार को जांच रिपोर्ट में मंकीपॉक्स की पुष्टि हो गई है।

21 दिन रखी जाएगी पैनी नजर
संक्रमित के संपर्क में आए 13 लोगों को उनके घरों में आइसोलेट कर दिया गया है। सभी फिलहाल स्वस्थ हैं। किसी में भी मंकीपाक्स के लक्षण नहीं हैं। हालांकि जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम इन सभी के स्वास्थ्य पर कड़ी नजर रख रही है। अधिकारियों के अनुसार, भारत सरकार के दिशा-निर्देशानुसार कोई कंटेनमेंट जोन नहीं बनाया गया है, पर 21 दिनों तक सभी के स्वास्थ्य पर नजर रखी जाएगी।

दोस्तों के साथ हिमाचल गया था संक्रमित शख्स
पीड़ित व्यक्ति हाल ही में दोस्तों के साथ हिमाचल प्रदेश घूमने गए थे, ऐसे में गाइडलाइन के अनुसार वहां भी उनके संपर्क में आए लोगों की पहचान की जाएगी। पीड़ित की पत्नी ने बताया कि लक्षण सामने आने पर चिकित्सकों ने उनके पति को चेचक की संभावना जताई थी। अब उनके पति की तबीयत काफी हद तक ठीक है। उम्मीद है कि अस्पताल से उन्हें जल्दी डिस्चार्ज मिल जाएगा। जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की ओर से काफी सहयोग मिला है और हम सभी बिल्कुल स्वस्थ हैं। पीड़ित के दोस्त ने बताया कि वे किसी भी विदेशी नागरिक के संपर्क में नहीं आए हैं। मरीज अपने तीन दोस्तों के साथ दो दिन के लिए हिमाचल गए थे।

वर्क फ्रॉम होम कर रहे थे मरीज और उसकी पत्नी
पीड़ित और उनकी पत्नी कोरोना महामारी के समय से ही घर से काम कर रहे हैं। खरीदारी के लिए भी वे घर से काफी कम बाहर निकलते हैं। ऐसे में बड़ा सवाल हैं कि आखिर पीड़ित मंकीपॉक्स की चपेट में कैसे आए? करीबियों ने बताया कि मरीज की तबीयत सात जुलाई से खराब होनी शुरू हुई है। इसके बाद मरीज ने दो डॉक्टरों और एक स्किन थेरेपिस्ट से अपना इलाज करवाया। इन तीनों डॉक्टरों, दो रिसेप्शनिस्ट और एक स्टाफ नर्स को भी आइसोलेट किया गया है।