कोरोना महामारी के बाद अब किसी भी बीमारी को सुन कर इंसान असमंजस में पड़ जाता है. दुनिया के कई देश अभी कोरोना संकट से उभर भी नहीं पाए हैं. इस बीच मंकीपॉक्स वायरस (Monkeypox Virus Outbreak) कई देशों में फैल चुका है. देश की राजधानी दिल्ली में भी Monkeypox सा पहला केस सामने आया.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, अब तक 19 देशों में मंकीपॉक्स (Monkeypox Virus) के 131 नए मामलों की पुष्टि हुई है. इनमें 106 में मंकीपॉक्स की आशंका है.
अफ्रीका से कैसे बाहर गया Monkeypox?
ब्लूमबर्ग के मुताबिक, डॉक्टर्स कह रहे हैं कि यह और तेज़ी से फैलेगा. Monkeypox के केस पहले भी Africa में देखे गए हैं, लेकिन यह अफ्रीका के बाहर स्पेन और बेल्जियम में हुई रेव पार्टी में यौन गतिविधियों की वजह से फैला. ऐसा कहा जा रहा है. वहीं ब्लूमबर्ग के बॉबी घोष ने इस मामले को लेकर ट्विटर स्पेस डिस्कशन किया. इसमें ब्लूमबर्ग के वरिष्ठ फार्मा एनलिस्ट सैम फाजेली भी मौजूद रहे. उनका मकसद मंकीपॉक्स को लेकर तमाम सवालों के जवाब देना था. इससे होने वाले ख़तरे के बारे में भी डिस्कशन किया गया.
सैम के मुताबिक, प्रकृति में अनगिनत वायरस हैं. मंकीपॉक्स भी उन्हीं में से एक है. यह चिकनपॉक्स और स्मालपॉक्स की तरह ही एक आर्थोपॉक्स वायरस है. उन्होंने राहत की बात यह बताई कि मंकीपॉक्स स्मालपॉक्स से मृत्युदर के मामले में कम प्रभावी है. उन्होंने आशंका जताई कि यह पश्चिम अफ्रीका में फैलने वाले वायरस की तरह लगता है. डिस्कशन में यह बात भी सामने आई कि 2003 में अमेरिका में मंकीपॉक्स के 71 मामले सामने आए थे. जो किसी व्यक्ति की वजह से नहीं बल्कि घाना से अमेरिका पहुचे रोडेंट्स (चूहे) की वजह से फैला था.
बंदरो से नहीं फैलता Monkeypox
बता दें कि इसे मंकीपॉक्स कहने का यह मतलब नहीं है कि यह बंदरों से आया. बल्कि यह लोगों के ध्यान में तब आया जब बंदरों को इस वायरस से संक्रमण हुआ था. तभी से इसे मंकीपॉक्स कहा जाने लगा.
सैम के अनुसार, मंकीपॉक्स को चूहे ज्यादातर फैलाते हैं. फिर यह बंदरों में आया. अब इंसानों में भी इसका संक्रमण आसानी से हो सकता है. यह संक्रमित शख्स के नजदीक जाने या उसके संक्रमित शरीर के रिसने वाले द्रव्य पदार्थ से फैल सकता है. साथ ही संक्रमित शरीर के हिस्से को छूने से भी फ़ैल सकता है. इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाने से भी यह वायरस फैल सकता है.
क्या हैं Monkeypox के शुरुआती लक्षण
हर वायरल की तरह इसमें भी पहले बुखार और सिरदर्द की शिकायत होगी. और कई लोगों को ठीक एक हफ्ते बाद रैश होंगे, जो बाद में पस से भर जाएंगे. यह लगभग वैसा ही है जैसे Chikenpox या Smallpox में होता था.
Monkeypox से बचाव
मंकीपॉक्स की अब तक कोई वैक्सीन भी नहीं है. लेकिन चिकिनपॉक्स और स्मालपॉक्स की वैक्सीन के इस्तेमाल से मंकीपॉक्स के संक्रमण को फैलने से कुछ हद तक रोका जा सकता है.