गोरखपुर में चार साल बाद एक पखवाड़े की देरी से आया मानसून, जमकर बरसे बदरा
गोरखपुर जिले में करीब चार साल बाद मानसून की दस्तक लगभग एक पखवाड़े की देरी से मंगलवार आधी रात को हुई। काले-काले बदरा झमाझम बरसे तो सभी व्यवस्थाएं बेमानी साबित हो गईं। मंगलवार आधी रात से लेकर बुधवार शाम तक जिले में 111.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। गोरखपुर-बस्ती मंडल में यह सबसे अधिक है। इसके बाद महराजगंज जिले में 73.4 मिलीमीटर बारिश हुई है।
जनपद के लोगों को कई दिनों से बारिश की प्रतीक्षा थी। मंगलवार रात डेढ़ बजे से बारिश शुरू हुई तो बुधवार शाम तक कभी झमाझम तो कभी रिमझिम बारिश होती रही। बुधवार सुबह 8:30 बजे तक केवल सात घंटे में 84 मिलीमीटर बारिश हुई, जबकि बुधवार सुबह 8:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक 27.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। मौसम विशेषज्ञ कैलाश पांडेय का कहना है कि यह स्थिति शुक्रवार तक बनी रहेगी। वहीं, झमाझम बारिश से तपती गर्मी से लोगों को काफी राहत मिली। कई स्थानों पर लोग मौसम का लुत्फ उठाते नजर आए हैं।
अधिकतम और न्यूनतम तापमान में 1.8 डिग्री का अंतर झमाझम बारिश से तापमान में काफी गिरावट दर्ज की गई। अधिकतम और न्यूनतम तापमान में केवल 1.8 डिग्री सेल्सियस का अंतर रहा। न्यूनतम तापमान 24.0 और अधिकतम 25.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
2018 में 27 जून को हुई थी मानसून की दस्तक
मौसम विज्ञानी ने बताया कि चार साल बाद मानसून आने में इतनी देरी हुई है। साल 2018 में मानसून की दस्तक 27 जून को हुई थी। बीते वर्ष 17 जून को मानसूनी बारिश हुई थी। बीते तीन वर्ष में मानसून आने में उत्तरोत्तर देरी हुई है। पूर्वी उतर प्रदेश में मानसूनी बारिश की आदर्श तिथि 15 जून है।बीते वर्षों में मानसून आने की तिथि
वर्ष – तिथि 2021 17 जून 2020 19 जून 2019 23 जून 2018 27 जून।
फसलों के लिए अमृत बन बरसा पानी गोरखपुर जिले में हुई बारिश फसलों के लिए अमृत की तरह है। धान के अलावा ज्वार, बाजरा, मक्का, मूंगफली आदि फसलों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगी। बारिश से किसानों को प्रति एकड़ 3000 रुपये तक की बचत होगी।
गोरखपुर में अमूमन मानसून 16 जून तक पहुंच जाता है, लेकिन इस बार एक पखवाड़े की देरी हो गई। इससे किसान काफी चिंतित थे। धान की रोपाई में देरी होने लगी थी। इसके अलावा अन्य फसलों की बुवाई में भी देरी हो रही थी। कृषि विशेषज्ञ अजय सिंह का कहना है कि अब किसान धान की रोपाई से लेकर खरीफ की फसलों की बुवाई आसानी से कर सकेंगे।
सब्जी की खेती करने वाले किसानों को होगा नुकसान इस बारिश से सब्जी की खेती करने वाले किसानों को नुकसान होने की आशंका है। इतनी ज्यादा बारिश की वजह से सब्जियों में फूल आने बंद हो जाएंगे। लिहाजा सब्जियों की पैदावार कम हो जाएगी।