राजस्थान में मानसून का विदाई की बेला में कहर, 26 जिलों में किसानों की फसलें हुईं तबाह

Jaipur News: 72 लाख किसानों का बीमा, शिकायतें सिर्फ 70 हजार दर्ज

Jaipur News: 72 लाख किसानों का बीमा, शिकायतें सिर्फ 70 हजार दर्ज

जयपुर. मानसून की आसमानी फुहारों ने पहले तो सरकार और किसानों (Farmers) के चेहरे पर मुस्कान बिखेर दी थी. लेकिन बाद में विदा होते समय मानसून की भारी बारिश (Heavy Rain) ने किसानों की फसलों को ऐसा बर्बाद किया कि वे संभल नहीं पा रहे हैं. राजस्थान के 26 जिलों में सत्तर फीसदी से ज्यादा हिस्से में कटी हुई फसलों (Crops) के साथ-साथ खड़ी फसलों को इसने बर्बाद कर दिया है. फसल खराबा होते ही पक्ष-विपक्ष के नेताओं ने राजनीतिक रोटियां सेंकने और किसानों के वोट बैंक को साधने के लिए सड़क मार्ग से लेकर हवाई मार्ग दौरे कर लिए. लेकिन किसानों का भला नहीं हुआ है.

पूर्व उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सचिन पायलट टोंक जिले और झालावाड़ जिले में, बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने हाड़ौती में फसल खराबे का जायजा लिया. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी किसानों की बर्बादी का मंजर देखने हवाई मार्ग से दौरा किया है. राजनेताओं की दौड़ के बाद कृषि विभाग की टीम ने भी प्रभावित इलाकों का दौरा किया है.

सीएम के निर्देश पर फसल नुकसान का आंकलन
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने फसल के नुकसान का सर्वे कराने के निर्देश जारी किए. इस पर कृषि एवं पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया के निर्देश पर कृषि विभाग के प्रमुख शासन सचिव दिनेश कुमार और कृषि आयुक्त कानाराम के नेतृत्व ने कई टीमों ने कई जिलों का दौरा भी किया. फसल नुकसान का आंकलन कर लौटे कृषि कानाराम ने भी माना है की अधिकांश जिलों में फसलें चौपट हो गई हैं.

72 लाख किसानों का बीमा, शिकायतें सिर्फ 70 हजार
बेमौसम बारिश के बाद अब मुआवजे के लिए बीमा कंपनियों और सरकार की शर्तों ने किसानों के संकट को ज्यादा गहरा कर दिया है. प्रदेश के 72 लाख किसानों ने खरीफ फसल का बीमा कराया है, लेकिन शिकायतें सिर्फ 70 हजार किसानों की दर्ज की गई हैं. फसल बीमा करते समय भले ही सरकार और बीमा कंपनियां बड़े बड़े दावे करती हैं, लेकिन फसल बर्बादी के मुआवजे की राह ताकते किसान से सरकार और बीमा कंपनियों ने दूरी सी बना ली है, जो किसानों के हितों पर कुठाराघात है.

कृषि विभाग की टीमों के जायजे में यह आया सामने
– कोटा में सोयाबीन, धान और उड़द की फसल पूरी तरह से चौपट हो गई है.
– भरतपुर, जयपुर, अजमेर, उदयपुर संभाग में फसलें बर्बाद हो गई हैं.
– जयपुर में बाजरा, मूंगफली और ज्वार की फसल चौपट हो गई.
– उदयपुर में मक्का, धान और सोयाबीन बारिश के पानी से चौपट हो गई.
– अजमेर में बाजरा और मूंगफली में खराबा सामने आया है.