Moon Temprature: चांद पर इंसानी बस्तियां बसाने में सबसे बड़ी मुश्किल सूर्य है। पृथ्वी के लिए सूर्य एक वरदान है, लेकिन चांद पर ये अभिशाप हो जाता है। क्योंकि सूर्य से आने वाला रेडिएशन सीधे चांद की सतह तक पहुंचता है, जिससे यहां तापमान पृथ्वी से 15 गुना ज्यादा गर्म होता है।
बाकी चांद पर तापमान बहुत कठिन रहती है। दिन के दौरान यहां तापमान पृथ्वी से 15 गुना ज्यादा लगभग 127 डिग्री सेल्सियस तक होता है। चांद के अंधेरे वाले हिस्से में तापमान माइनस 173 डिग्री सेल्यिस तक गिर जाता है। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के लूनर रिकॉनिसेंस ऑर्बिटर के प्रोजेक्ट वैज्ञानिक नूह पीटरसन ने चंद्रमा के गड्ढों की इस विशेषता के बारे में बताया है।
2009 में खोजे गए थे गड्ढे
उन्होंने कहा, ‘यह जानते हुए कि ये गड्ढे एक स्थिर वातावरण बनाते हैं हमें चांद की इन विशेषताओं को जानने और खोज की संभावना को चित्रित करने में मदद करेगा।’ चांद के गड्ढों को 2009 में खोजा गया था, तभी से वैज्ञानिक इस बात की खोज कर रहे हैं कि क्या इन्हें शेल्टर की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। इन्हें आप चांद के क्रेटर से मत जोड़ लीजिएगा। ये गड्ढे चांद की सतह पर खोखली गुफा जैसे होते हैं।
गड्ढों में कम रहा तापमान
नई रिसर्च का नेतृत्व करने वाले टायलर होर्वथ ने कहा, ‘200 से ज्यादा गड्ढों में से लगभग 16 लावा ट्यूब के हैं।’ वर्तमान में स्टडी के लिए वैज्ञानिक, 328 फीट गहरे गड्ढे पर फोकस कर रहे हैं, जिसे मेर ट्रैंक्विलिटैटिस के रूप में जाना जाता है। चट्टान की थर्मल प्रॉपर्टी जानने के लिए कंप्यूटर मॉडल का इस्तेमाल किया गया। इसमें उन्होंने पाया कि जिन जगहों पर गड्डे में परछाई है वहां तापमान 17 डिग्री सेल्सियस है।