Morbi Bridge Collapse: कौन हैं यह बीजेपी सांसद जिनके 12 रिश्तेदारों की मोरबी हादसे में हुई मौत

gujarat bridge collapse: गुजरात के मोरबी में केबल ब्रिज के टूटने के बाद लगातार मरने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है। इस दर्दनाक हादसे में एक परिवार के कई-कई सदस्यों ने जान गंवाई है। कई बच्चे अनाथ हो गए हैं तो कई माता-पिता संतानहीन तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के सांसद ने एक नहीं बल्कि 12 सदस्यों को खो दिया है।

अहमदाबाद: मोरबी के केबल ब्रिज हादसे में अब तक 143 लोगों की मौत हो चुकी है। आधिकारिक तौर पर अभी 134 मौतों की पुष्टि हुई है। झूलते हुए ब्रिज की सैर के लिए जाने वालों में एक परिवार के कई-कई सदस्य हैं। मोरबी के इस दुखद हादसे में जहां किसी ने अपने बच्चे तो किसी ने अपने माता-पिता को खो दिया। वहीं बीजेपी के राजकोट से सांसद मोहन कुंडारिया ने इस त्रासदी में अपने 12 रिश्तेदारों को खोया है। हादसे में कुंडारिया की बहन के जेठ यानी उनके जीजा के भाई की 4 बेटियों, तीन जमाई (दामाद) और पांच बच्चों की भी मौत हो गई।
कुंडरिया का है क्षेत्र
मोहन कुंडारिया जिस राजकोट लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं, यह घटना भी उसी क्षेत्र में हुई है। मोरबी जिले की दो विधासभाएं उनके लोकसभा क्षेत्र में आती हैं। केबल ब्रिज के टूटने के बाद से कुंडारिया मोरबी में ही हैं। हादसे के बाद कुंडरिया का गुस्सा भी फूटा। उन्होंने कहा कि इस हादसे के लिए दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा। राजकोट से लगातार दूसरी बार सांसद कुंडारिया पूर्व में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं। उनके पास कृषि राज्यमंत्री का दायित्व था। वे राजकोट जिले के टैंकारा विधानसभा क्षेत्र से गुजरात विधानसभा के लिए भी निर्वाचित हो चुके हैं।

हादसे में 134 मौतों की पुष्टि
राजकोट रेंज के आईजी अशोक यादव ने मीडिया से बातचीत में 134 लोगों की मौत की आधिकारिक पुष्टि की है। आईजी ने कहा कि अब कोई भी गुमशुदा नहीं है। इससे पहले खबरें आ रही थीं कि कुछ लोग लापता हो सकते हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आर्मी, इंडियन एयर फोर्स और नेवी की मदद भी ली गई। वहीं गरुड़ कमांडो ने भी रेस्क्यू के काम में ताकत झोंकी। बताया जा रहा है कि 177 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। रविवार शाम साढ़े छह बजे के करीब हैंगिंग ब्रिज टूट गया था, जिसके बाद मच्छु नदी में सैकड़ों लोग गिर गए थे।

कुछ युवक जोर-जोर से हिला रहे थे पुल
अहमदाबाद के रहने वाले विजय गोस्वामी का परिवार भी यहां गया था लेकिन ये लोग लौट आए। पुल से नीचे आते ही ब्रिज हादसे का शिकार हो गया। परिवार का कहना है कि ईश्वर की कृपा से ही उनकी जिंदगी बची है। विजय ने बताया कि पुल पर लोगों की काफी भीड़ थी। उन्होंने बताया कि कुछ युवक पुल को जोर-जोर से हिला रहे थे। इसके बाद हमारा परिवार डर गया तो वे लोग पुल से उतर आए। नीचे आते ही जोर से चीखें सुनाई दीं और हमने नजर दौड़ाई तो देखा कि पुल टूटकर नदी में गिर गया। उन्होंने बताया कि उन लोगों ने वहां मौजूद कर्मचारियों को युवकी की शिकायत भी की लेकिन उन्होंने इसे अनसुना कर दिया।

हादसे के गवाह रहे एक युवक ने बताया, ‘हम लोग पुल के बीचोबीच थे जब पुल टूटा। मैं अपनी 6 साल की बहन को घुमाने ले गया था। नहीं पता था कि मैं उसे मौत के मुंह में ले जा रहा हूं।’ युवक ने बताया कि वह मजदूरी करता है। रविवार को अपनी मजदूरी का काम छोड़कर बहन को बाहर घुमाने लाया था।