Gujrat का Morbi झेल चुका है आपदा का दंश, मारे गए थे 1400+ लोग, लंदन की तर्ज पर बसाया गया था शहर

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गुजरात के मोरबी में हुए पुल हादसे में 141 से अधिक लोगों की मौतें हो चुकी है, जबकि कई जख्मी भी हैं. इस दर्दनाक हादसे के बाद मोरबी शहर सुर्खियों में है. किन्तु, क्या आप जानते हैं कि यह शहर इतिहास में एक बड़ी प्राकृतिक आपदा का दंश झेल चुका है. जिसमें हजारों की तादाद में लोग मौत के गाल में समा गए थे.

ये उस दौर की बात है जब मोरबी में राजा विन्यास वाघ का राज हुआ करता था. विन्यास वाघ ने 1879 से 1948 तक मोरबी पर शासन किया और अपने शहर के विकास के लिए कई उल्लेखनीय काम किए. उन्होंने शहर में सड़कों का निर्माण करवाया. रेलवे लाइन शुरू कराई. नमक और कपड़े का निर्यात करने के लिए दो बंदरगाहों ‘ववानिया’ और ‘नवलखा’ का निर्माण करवाया. वर्तमान में नदी के किनारे बसा यह शहर ‘सेरामिक’ और ‘घड़ी इंडस्ट्री’ के लिए अपनी एक अलग पहचान रखता है.

morbi Bridge CollapseIT

जब हादसे में हुई थी 1439 लोगों की मौत

जानकारी के मुताबिक साल 1979 में मोरबी ने एक प्राकृतिक आपदा का दंश झेला. 11 अगस्त 1979 को मोरबी में आई बाढ़ के कारण यहां एक डैम टूट गया था. उस वर्ष काफी भारी मात्रा में वर्षा हुई थी. जिसने भयानक रूप ले लिया था. मच्छु नदी के पानी से पूरा शहर डूब गया. कई मकान उसमें बह गए. उस हादसे में 1439 लोगों की मौत हो गई. इसके अलावा 12 हजार से ज्यादा पशु भी काल के गाल में समा गए थे.

Mani Mandir in Morbi Twitter

फिर उभरा मोरबी और बनाई अपनी एक अलग पहचान

इस बड़े हादसे ने शहर को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया था, लेकिन यह शहर फिर से मजबूती के साथ खड़ा हुआ. यहां टेक डेवलपमेंट ने घड़ी इंडस्ट्रीज को अपनी ओर आकर्षित किया. जहां अजंता जैसी कई मशहूर कंपनियों ने अपनी एक पहचान बनाई. आज मोरबी में तक़रीबन 150 दीवार घड़ी इंडस्ट्री मौजूद हैं. इसके अलावा टाइल्स का भी बिजनेस यहां काफी फला फूला है. वहीं 390 सेरामिक कंपनियां हैं.

मोरबी शहर में यूरोप की झलकियां देखने को मिलती है. इसे लंदन की तर्ज पर बसाया गया था. यहां का हैंगिग ब्रिज लंदन की याद दिलाता है. वहीं इस पुल के इतिहास की बात करें तो मोरबी में मच्छु नदी पर बना यह पुल तक़रीबन 142 साल पुराना है. जो साल 1880 में बनकर तैयार हुआ था. उस वक्त इसे बनाने में तकरीबन साढ़े तीन लाख रुपए खर्च हुए थे. ब्रिटिश भारत में इस पुल का उद्धघाटन मुंबई के गवर्नर रिचर्ड टेम्पल ने किया था. इसकी लम्बाई 765 फीट थी. हवा में झूलता यह पुल पर्यटक स्थल बन चुका था.