मां के मन में सालों से थी अधूरी ख्वाहिश, बेटे ने मेहनत के दमपर कर दी पूरी, बना JEE Main टॉपर

अपने अधूरे सपनों को अपने बच्चों के हाथों पूरा होता देखना किसी भी माता पिता के लिए जीवन के सबसे बड़े सुखों में से एक है. लोग समय और परिस्थिति के कारण अपने कई सपनों को पूरा नहीं कर पाते लेकिन वे चाहते हैं उनके सपनों को उनके बच्चे पूरा करें. इसके लिए वो अपनी सारी मेहनत झोंक देते हैं.

JEE मेन में पाए 100 पर्सेन्टाइल

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ज्ञानेश हेमेन्द्र शिंदे ने भी अपनी मां का देखा हुआ सपना पूरा किया है. उन्होंने JEE मेन जनवरी सेशन की परीक्षा में 100 पर्सेन्टाइल स्कोर किए हैं. 5 साल से एलन करियर इंस्टीट्यूट के रेगुलर क्लासरूम में स्टूडेंट रहे ज्ञानेश ने 10वीं कक्षा में 98 प्रतिशत नंबर प्राप्त किये थे. अपनी इस सफलता पर उन्होंने मीडिया को बताया कि, वह अपनी तैयारी को लेकर कॉन्फिडेंट रहते हैं. क्लास में जो भी पढ़ाया जाता है, उसे ध्यान से सुनते हैं और घर आने के बाद रिवीजन करते हैं.

आजतक की खबर के अनुसार ज्ञानेश अपनी तैयारी के बारे में कहते हैं कि, ‘ वह क्लासरूम के अलावा हर रोज करीब 6 घंटे खुद से पढ़ाई करते हैं. रिलैक्स होने के लिए वह म्यूजिक सुनना, कीबोर्ड बजाना और परिवार के साथ समय बिताना पसंद करते हैं.

बहन के कहने पर शुरू की JEE की तैयारी

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ज्ञानेश का परिवार महाराष्ट्र के पुणे से है. उनके परिवार में उनके पापा- मम्मी और बड़ी बहन हैं. ज्ञानेश कहते हैं कि उन्हें उनके परिवार ने हमेशा मोटिवेट किया है. ज्ञानेश की बड़ी बहन समृद्धि गर्वनमेन्ट मेडिकल चन्द्रपुर से MBBS कर रही है. बहन के कहने पर ही गरनेश ने JEE की तैयारी करने का निर्णय लिया. ज्ञानेश का कहना है कि, अब उनका फोकस जेईई एडवांस्ड परीक्षा पर है और वह इसकी तैयारी में जुटे हुए हैं. ज्ञानेश आईआईटी मुम्बई की सीएस ब्रांच से बीटेक करना चाहते हैं.

मां का सपना किया पूरा

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ज्ञानेंद्र की मां माधवी शिंदे ने आजतक से बात करते हुए कहा कि वह भी कोटा में आकर कोचिंग करना चाहती थीं, लेकिन पारिवारिक परिस्थिति के चलते वह कोटा से कोचिंग नहीं कर पाई. उनके दिल में इस बात का मलाल था. ऐसे में उन्होंने सोच लिया था कि जो वह खुद नहीं कर पाईं, वो उनके बच्चे करेंगे. यही वजह रही कि उन्होंने अपने बच्चों को कोटा से कोचिंग करवाई. अब बेटे ने JEE Main एग्जाम में 100 पर्सेंटाइल लाकर मां के सपने को पूरा किया है.