मदर इंडिया (Mother India) 14 फरवरी 1957 को रिलीज हुई इंडियन ड्रामा फिल्म है, जिसमें नरगिस, सुनील दत्त, राजेंद्र कुमार, कन्हैयालाल और राज कुमार लीड रोल्स में हैं. इसको डायरेक्ट ग्रेट इंडियन डायरेक्टर महबूब खान ने किया था. नौशाद का संगीत, नरगिस (Nargis) और सुनील दत्त( Sunil Dutt) की शानदार अदाकारी ने फिल्म को ऑस्कर तक पहुंचा दिया था.
मदर इंडिया फिल्म कैथरीन मेयो की किताब से इन्सपायर्ड थी
फिल्म कई भारतीय मुद्दों से संबंधित है जैसे शादी के बाद एक महिला का जीवन, कैसे एक साहूकार किसानों के जीवन को दयनीय बनाता है और अशिक्षित किसानों को पीड़ित करता है. मदर इंडिया फिल्म कैथरीन मेयो की किताब से इन्सपायर्ड थी, जिसमें उन्होंने भारतीय संस्कृति, धर्म और समाज पर हमला किया था. महबूब खान ने भारत में एक महिला की ताकत दिखाने के लिए इस फिल्म को बनाया था.
मदर इंडिया 1940 की फिल्म औरत की रीमेक थी
मदर इंडिया 1940 की फिल्म औरत की रीमेक थी. औरत का निर्देशन भी महबूब खान (Mahboob Khan) ने किया था, लेकिन मदर इंडिया का निर्माण बहुत बड़े पैमाने पर हुआ था. फिल्म की शूटिंग महबूब स्टूडियो और महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और गुजरात के कुछ गांवों में हुई है. मदर इंडिया महबूब स्टूडियो और महबूब खान की सबसे सफल फिल्म थी.
इस फिल्म के बाद एक्ट्रेस नरगिस को मिलने लगे थे लीड रोल
मदर इंडिया, नेचर और मदर दोनों को रिप्रेजेंट करती है. नरगिस ने उस महिला को चित्रित किया जो अपने जीवन में सभी समस्याओं को झेलती है और अंत तक मजबूती से खड़ी रहती है और गलत को दंडित करने से कभी नहीं हिचकिचाती. एक्ट्रेस नरगिस का असली नाम फातिमा राशिद था और उन्होंने अपनी पहली फिल्म के बाद फिल्मों में लीड रोल करना शुरू कर दिया था.
भारत के राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री ने भी इस फिल्म को देखा
महबूब, अमेरिकी लेखक पर्ल एस बक द्वारा लिखित द गुड अर्थ (1931) और द मदर (1934) किताबों से इन्सपायर्ड थे. मदर इंडिया उस समय की सबसे महंगी फिल्म थी और इसने बॉक्स ऑफिस पर सबसे ज्यादा कमाई की. भारत की रियलिटी को दिखाने के लिए कई नेताओं और राजनेताओं के लिए फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग की गई. भारत के राष्ट्रपति और पीएम ने भी दिल्ली में एक विशेष स्क्रीनिंग में इस फिल्म को देखा.
फिल्म की शूटिंग के दौरान नरगिस और सुनील दत्त प्यार में पड़ गए
महबूब खान बॉलीवुड में महिला प्रधान फिल्में बनाने के लिए जाने जाते थे और मदर इंडिया उनकी पहली महिला केंद्रित फिल्म नहीं थी. नरगिस ने मदर इंडिया में अपनी भूमिका के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का फिल्मफेयर पुरस्कार जीता और महबूब खान ने बेस्ट डायरेक्टर का खिताब जीता. फिल्म को 2010 में टाइम मैगज़ीन द्वारा सर्वश्रेष्ठ बॉलीवुड क्लासिक्स की सूची में शामिल किया गया था. सुनील दत्त ने इस फिल्म में (नरगिस) राधा के बेटे का रोल किया था, लेकिन नरगिस और सुनील दत्त प्यार में पड़ गए थे और फिल्म के बाद उन्होंने शादी कर ली.
दिलीप कुमार ने रिजेक्ट कर दी थी फिल्म
दिलीप कुमार ने राधा के बेटे की भूमिका से इनकार कर दिया क्योंकि उन्होंने पिछली दो फिल्मों मेला (1948) और बाबुल (1950) में उनके साथ रोमांस किया था. मदर इंडिया की सफलता के बाद, महबूब खान ने इसी तरह के सब्जेक्ट के साथ कुछ करने की कोशिश की, लेकिन इस बार टाइटल “सन ऑफ इंडिया” था, लेकिन यह फिल्म कमाल नहीं कर पाई.
लता मंगेशकर द्वारा गाया गाना “दुनिया में हम आए हैं” सबसे अच्छा ट्रैक था. फिल्म मुस्लिम डायरेक्टर द्वारा डायरेक्टेड एक हिंदू महिला पर आधारित थी, महिला सेंट्रिक फिल्म में सामाजिक मुद्दे और सार्वजनिक मुद्दे शामिल हैं जो अंत में अपने ही बेटे की हत्या कर देते हैं, यह फिल्म अपने समय से आगे थी.
ऑस्कर में एक अंक से चूक गई थी मदर इंडिया
1958 में ऑस्कर के लिए नामांकित होने वाली पहली हिंदी फिल्म मदर इंडिया थी. लेकिन महबूब खान अपने मैग्नम ओपस को पूरा करने के लिए कर्ज में डूब गए थे. उनके पास ऑस्कर के लिए ला(LA) में जाने या अपनी फिल्म की मार्केटिंग करने के लिए पैसे नहीं थे, उन्होंने मदद के लिए भारत के तत्कालीन प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की ओर रुख किया.1958 में जब मदर इंडिया ऑस्कर में सर्वश्रेष्ठ विदेशी फिल्म के पुरस्कार से सिर्फ एक अंक से चूक गई, तो महबूब खान को दिल का दौरा पड़ा था.