‘मां से बड़ा योद्धा इस दुनिया में कोई भी नहीं.’ केजीएफ चैप्टर 1 फिल्म का यह डायलॉग राजस्थान की साना देवी पर बिलकुल फिट बैठता है. वो खुद कभी स्कूल नहीं गईं, लेकिन अपने बच्चों को पढ़ने के लिए खूब प्रेरित किया. आज उनकी बेटी IPS प्रीति चंद्रा (IPS officer Preeti Chandra) को राजस्थान (Rajasthan) की लेडी सिंघम के रूप में जाना जाता है.
ANH
ऐसी मां जिसने बेटी को बनाया आईपीएस ऑफिसर
आईपीएस अधिकारी प्रीति चंद्रा की मां का हमेशा मानना था कि जीवन में कुछ करना है तो सपने बड़े देखने होंगे. यही शिक्षा वह अपने बच्चों को दिया करती थी. कभी कलम नहीं उठाया, स्कूल का चेहरा नहीं देखा, लेकिन शिक्षा की अहमियत को बखूबी जानती थीं. उनके पति रामचंद सुंडा सेना में थे. वो घर से दूर देश की रक्षा में लगे थे. ऐसे में उनकी जिम्मेदारी और बढ़ गई थी. वो अपने बच्चों की परवरिश में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती थीं. उन्होंने उन्हें पढ़ाई के लिए हमेशा प्रेरित किया. उनका सपोर्ट किया.
आईपीएस प्रीति चंद्रा ने एक मीडिया इंटरव्यू में बताया था कि आईपीएस ऑफिसर बनने के पीछे उनकी मां का बहुत बड़ा हाथ रहा. उन्होंने उन्हें हमेशा सपोर्ट किया. वे बताती हैं कि उनकी मां खुद पढ़ी लिखी नहीं हैं, लेकिन मां ने प्रीति चंद्रा और उनके भाई को पढ़ाया. प्रीति के मुताबिक जब वह कॉलेज में पढ़ाई करने गईं तो रिश्तेदारों ने शादी करने के लिए दबाव डाला. रिश्ते भिजवाए, लेकिन मां ने उनको मना कर दिया. हमेशा पढ़ाई करने के लिए प्रोत्साहित किया. आज उनकी वजह से ही इस मुकाम पर पहुंची हूं.
AB
कौन हैं राजस्थान की लेडी सिंघम आईपीएस ऑफिसर प्रीति चंद्रा
प्रीति चंद्रा राजस्थान की एक दबंग और ईमानदार छवि की आईपीएस ऑफिसर के रूप में मशहूर हैं. अपराधी उनके खौफ से कांपते हैं. जब वह करौली की एसपी बनकर अपनी पोस्ट संभाली थीं. तब वहां के कई डकैतों ने उनके दबंग रूप की वजह से सरेंडर कर दिया था. वहीं देह व्यापार में बच्चियों को धकेलने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करके काफी सुर्ख़ियों में आई थीं. कई नाबालिग लड़कियों को इस नरक से बाहर निकाला था. यही नहीं वह पिछड़े इलाकों में जमीनी स्तर पर उतरकर लोगों की समस्याओं को सुनती हैं. और उनका निवारण करने की पूरी कोशिश करती हैं.
Bhaskar
टीचर के बाद पत्रकार, फिर बनी आईपीएस ऑफिसर
प्रीति चंद्रा राजस्थान के सीकर जिले की रहने वाली हैं. उनका जन्म 1979 को गांव कुंदन में हुआ. उन्होंने हाईस्कूल तक की पढ़ाई गांव के सरकारी स्कूल से पूरी की. फिर जयपुर के महारानी कॉलेज से एमए किया. इसके बाद एमफिल भी किया है. आईपीएस ऑफिसर बनने से पहले वह स्कूल में बच्चों को पढ़ाया करती थीं. इसके बाद पत्रकारिता के क्षेत्र में हाथ आजमाया. हालांकि वे कुछ बड़ा करना चाहती थीं. उनके अंदर आगे बढ़ने का जुनून था. मां के साथ परिवार ने भी उनका सपोर्ट किया. पत्रकार रहते हुए उन्होंने UPSC परीक्षा की तैयारी करना शुरू कर दिया. उन्होंने दिन-रात कड़ी मेहनत की. प्रीति ने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा क्लियर कर ली. इसके लिए उन्होंने सेल्फ पढ़ाई की थी. बिना किसी कोचिंग के प्रीति चंद्रा ने साल 2008 में UPSC पास कर आईपीएस ऑफिसर बन गईं. उन्होंने 255वीं रैंक हासिल की थी.
OI
आईपीएस अधिकारी बनने के बाद प्रीति चंद्रा की पहली पोस्टिंग राजस्थान के अलवर में एसएसपी पद पर हुई. फिर बूंदी और कोटा में एसपी के पद पर तैनात हुईं. मौजूदा समय में वो डीआईजी के पद पर कार्यरत हैं. इनके पति भी डीआईजी हैं. दोनों ने लव मैरिज की है.
आज एक मां के अथक प्रयास की वजह से प्रीति चंद्रा एक लेडी सिंघम ऑफिसर के रूप में देश की सेवा में लगी हुई हैं. जो करोड़ों युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं.