मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है. यह पंक्तियां झारखंड के रामगढ़ जिले के रहने वाले दानिश हुसैन पर बिलकुल सटीक बैठती है. दानिश ने जेपीएससी 7वीं से 10वीं में 80वां रैंक लाकर बता दिया कि परिस्थितियां चाहे कितनी भी मुश्किल हो और संसाधन भले ही सीमित हो अगर आपके अंदर कुछ कर गुजरने का जज्बा है तो आपको सफलता जरूर मिलगी.
रामगढ़ के कूजू क्षेत्र के तोपा निवासी जरीना खातून के बेटे ने दानिश हुसैन ने जेपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल कर अपने परिवार का मान बढ़ाया और क्षेत्र का नाम भी रौशन किया है. घर की आर्थिक स्थिति सही नहीं होने के कारण जरीना खातून ने गली-गली घूम चूड़ी बेचकर अपने बेटे को पढ़ाया और बेटे ने जेपीएससी परीक्षा पास कर अपने मां का मान बढ़ाया है. अब मां जरीना खातून को भी अपने बेटे पर नाज है कि उसके बेटे दानिश ने जेपीएससी में परचम लहराया है.
पिता के निधन के बाद से मां बेच रहीं चूड़ी बता दें, जेपीएससी में दानिश को 80वां रैंक मिला है. दानिश हुसैन एक गरीब परिवार से आते हैं और आर्थिक रूप से काफी कमजोर हैं. पिता जहुदी अंसारी के निधन के बाद माता जरीना खातून ने सिर पर चूड़ी की टोकरी रख गली-गली घूम चूड़ी बेचकर अपने बच्चों को पढ़ाया है. दानिश हुसैन ने वर्ष 2013 में श्रमिक विद्यालय तोपा पिंडरा से 10वीं की परीक्षा 73% व 12 वीं की परीक्षा मार्खम कॉलेज हजारीबाग से 76% के साथ पास की थी.
2019 में रेलवे में भी हुआ था चयन
वहीं इससे पहले 2019 में दानिश का रेलवे में भी चयन हुआ था. लेकिन, शुरू से कुछ बड़ा करने की जिद के कारण उन्होंने यह नौकरी नहीं ज्वाइन की और हजारीबाग में रहकर कड़ी मेहनत से जेपीएससी की तैयारी में जुट गए. अपनी कड़ी मेहनत और जूनून के कारण दानिश ने जेपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल कर अपने क्षेत्र व परिवार का नाम रौशन किया.
यह है कठिन परिश्रम, तपस्या और संघर्ष की कहानी
दानिश ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी माता समेत स्कूल-कॉलेज के शिक्षकों को दिया है. दानिश के सफलता पर उनकी मां ने कहा कि मेरे सपने को दानिश ने पूरा कर दिखाया. हम सबो को दानिश पर नाज़ है. दानिश ने जिस तरह सफलता हासिल किया है वह उसके कठिन परिश्रम, तपस्या और संघर्ष का नतीजा है. टोपा क्षेत्र में दानिश की सफलता और उसकी मां की संघर्ष की कहानी हर लोगों की जुबान पर है.