मां की ताकत: तय किया 5500 Miles का सफर, और गोद लिए बेटे को Ukraine की जंग से बचा लाई सही सलामत

एक मां के बारे में सबसे खास यही है कि वो सिर्फ अपने शरीर से जन्म दिए बच्चे पर ही अपनी ममता नहीं लुटाती बल्कि जिसे अपना बेटा मान लेती है उसके लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार हो जाती है. फिर चाहे उसे अपने बच्चे के लिए मौत से ही क्यों न लड़ना पड़े, वो पीछे नहीं हटती. कुछ ऐसा कर दिखाया है एक अमेरिकी मां ने. 

तय किया 5500 माइल्स का सफर 

अमेरिकी प्रांत सेंट्रल टेक्सास की ब्रिटनी हेजल ने अपने गोद लिए बेटे को बचाने के लिए पूर्वी यूरोप तक का सफर तय कर लिया. ब्रिटनी के गोद लिए बेटे का नाम एंडरी है, जिसे उन्होंने यूक्रेन के एक अनाथालय से गोद लिया था. काफी मुश्किलों का सामना करने के बाद आखिरकार ब्रिटनी अपने 16 साल के गोद लिए बेटे को एबॉट में बनाए अपने नए घर में लाने में कामयाब हो गई हैं. 

ब्रिटनी के बास दूसरा कोई रास्ता नहीं था, उन्हें हर हाल में अपने बेटे को वापस लाना था. इसी वजह से उन्होंने अपने घर से 5500 माइल्स दूर तक का सफर किया और युद्ध के बीच से अपने बेटे को वापस ले आई. 

2019 में लिया था एंडरी को गोद 

ब्रिटनी और आउनके पति मैट ने जनवरी महीने में एंडरी को आधिकारिक तौर पर गोद लिया था. ब्रिटनी की एंडरी से पहली मुलाकात 2015 में तब हुई थी जब वह 10 साल का था. कुछ साल तक ब्रिटनी उसे गोद लेने में कामयाब नहीं हो पाई क्योंकि तब तक उसके दादा जिंदा थे. उनके गुजरने के बाद एंडरी की परवरिश का जिम्मा उसकी सौतेली दादी को सौंपा गया था. आखिरकार 2019 में वो समय आ ही गया जब एंडरी गोद लेने के काबिल हो गया. इसके बाद ब्रिटनी इस बात से खुश थी कि वह 10 मार्च को यूक्रेन जा कर अपने गोद लिए बेटे को घर ला सकेगी लेकिन रूस के हमले ने उनका प्लान बिगाड़ दिया. 

अचानक से आई इस परिस्थिति ने ब्रिटनी और मैट को परेशान कर दिया. खतरा हर रोज बढ़ रहा था लेकिन ये दोनों समझ ही नहीं पा रहे थे कि आखिर क्या किया जाए. दोनों को थोड़ी राहत तब मिली जब ब्रिटनी की एक दोस्त की मां ने बताया कि उनकी एक जानने वाली पोलैंड में रहती है और वो उन्हें वहां रहने की जगह डे सकती है. 

बेटे के लिए उठाया खतरा 

इसके बाद ब्रिटनी और मैट ने वहां जाने का खतरा उठाया. यूक्रेन में एंडरी जिस शहर में रहता था वो रूसी सैनिकों से इस तरह घिरा हुआ था कि वहां से उसे निकालना किसी भयावह सपने जैसा था. जब ब्रिटनी पोलैंड पहुंची तो उसे मिनिस्ट्री की तरफ से कहा गया कि एंडरी जहां रहता है उस शहर तक पहुंचना मुश्किल है क्योंकि वह रूसी सैनिकों से घिरा हुआ है. लेकिन अगले दिन किसी तरह वे बचते बचाते एंडरी तक पहुंचने में कामयाब रहे और उसे उकरें बॉर्डर से बाहर ले आए. 

ब्रिटनी ने इस बारे में कहा कि एंडरी को सही सलामत यूक्रेन से निकलने में दूतावास ने बहुत अहम भूमिका निभाई. इसके बाद आखिरकार वो समय आ ही गया जब तमाम मुसीबतें झेलने के बाद ब्रिटनी अपने गोद लिए बेटे से मिल पाई.