मां बनना शायद इस दुनिया का सबसे मुश्किल और चुनौतीपूर्ण काम है। आपके सामने कई मुश्किलें आती हैं और उनका सामना करना आपके लिए मुश्किल होता है। हर औरत अपने बच्चे के लिए ग्रेट मॉम बनना चाहती है लेकिन उन्हें ये पता नहीं होता कि एक ग्रेट मॉम बनने के लिए उन्हें क्या सीखना चाहिए।
पैरेंट बनना कोई आसान काम नहीं है। हर वक्त और हर पल आपको चौकन्ना रहना पड़ता है और फूंक-फूंक कदम रखने पड़ते हैं। मदरहुड नैचुरल होता है और हर मां को अपनी जर्नी में फिट होने के दौरान कई उतार-चढ़ाव देखने पड़ते हैं। हम सभी ग्रेट मॉम बनना चाहती हैं और ऐसा बनने के लिए लगातार खुद पर काम करती हैं और क्या कैसे करना है क्यों करना है, इस पर भी नजर रखती हैं।
अच्छी मां बनने का यह मतलब नहीं है कि आप खुद के लिए सख्त हो जाएं या अपने आपको इग्नोर करना शुरू कर दें। ग्रेट मॉम बनने का मतलब है कि आप खुद के साथ-साथ अपने बच्चे को भी अच्छी तरह से समझती हैं और उसी के हिसाब से कोई काम करती हैं। हमारे आसपास का हर एक इंसान पैरेंटिंग को लेकर सलाह देता रहता है लेकिन हम क्या चुनते हैं और किस पर टिके रहते हैं, यही हमें बेस्ट बना सकता है। यहां हम आपको ग्रेट मॉम की कुछ खास और टॉप क्वालिटी के बारे में बता रहे हैं।
अगर आप भी ग्रेट मॉम बनना चाहती हैं या जानना चाहती हैं कि ग्रेट मॉम में क्या खूबियां होती हैं तो इस आर्टिकल में आप जान सकती हैं।
आत्म जागरूकता
अपने बच्चे को बेहतर समझने के लिए आपको पहले खुद को समझना होगाा। जिस इंसान को अपनी ताकत और कमजोरियों के बारे में पता होता है और जो इन्हें मैनेज करना अच्छी तरह से जानता है वो अपने बच्चे की कमजोरी और ताकत को भी आसानी से पहचान सकता है।
बात सुनने वाला
बच्चों को ऐसी मांएं बहुत पसंद होती हैं जो बिना जजमेंट के उनकी बात सुनती हैं। जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है, वो अपने विचारों, ऑब्जर्वेशन और एक्सपीरियंस को बिना फिल्टर किए शेयर करता है। अगर पैरेंट्स बच्चे की बात को इग्नोर कर दें, उसकी बात ना सुनें या उसे जज करें तो बच्चा पैरेंट्स से अलग होने लगता है।
स्ट्रॉन्ग होना
मां को आसपास के कई लोगों या चीजों से चुनौती मिलती है। कभी बच्चे के कम नंबर आने या बीमार होने या बहस होने पर बच्चे से बोली गई कुछ बातों से मां का दिल दुख जाता है। ऐसे में स्ट्रॉन्ग बने रहना जरूरी होता है। इस एक क्वालिटी से आप अपने बच्चे और खुद को हर मुश्किल से बचा सकते हैं।
नम्र व्यवहार
माता-पिता अक्सर श्रेष्ठता और गर्व की भावना विकसित कर सकते हैं, खासकर अपने बच्चों के साथ अपने संबंधों में। लेकिन एक अभिभावक के तौर पर आप गलतियां करेंगे, यह भी सच है। जो चीज आपको सबसे अलग करती है, वह यह है कि आप उन्हें कैसे संभालते हैं। यदि आप इनकार करते हैं और अपने बच्चों से कभी माफी नहीं मांगते हैं, तो देर-सबेर वे आपसे यह आदत ले लेंगे।
यदि आप उम्मीद करते हैं कि आपका बच्चा अपनी गलतियों को स्वीकार करे, तो आपको खुद भी यह सीखना होगा।