MP Jobless Youth Data: एमपी विधानसभा की कार्यवाही चल रही है। विधानसभा में विधायक प्रताप ग्रेवाल के सवाल पर सरकार ने सदन में बेरोजगारों की संख्या पर जवाब दिया है। ग्वालियर में सबसे अधिक बेरोजगार हैं।
भोपाल: मध्यप्रदेश (mp jobless youth data) की राजधानी राज्य में बेरोजगारों की संख्या में दूसरे स्थान पर है। ग्वालियर की स्थिति सबसे खराब है। इसके अलावा 2011-12 से 2021-22 के बीच रोजगार कार्यालयों में अधिसूचित रिक्तियों के खिलाफ केवल 1697 नई नौकरियां दी गई हैं। यह जानकारी विधानसभा में तकनीकी कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने विधायक प्रताप ग्रेवाल के सवाल पर दी है। विधायक ने सवाल किया था कि क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री यह बताने की कृपा करेंगी कि साल 2011-22 तक जिलेवार बेरोजगारों की संख्या कितनी है। इसके साथ इन बेरोजगारों को किन-किन कैटगरी में रोजगार उपलब्ध करवाया गया है।
आंकड़ों के अनुसार एक अप्रैल 2022 तक प्रदेश में 25.8 लाख से अधिक बेरोजगार हैं। इसमें सबसे अधिक संख्या ओबीसी वर्ग से आने वाले लोगों की है। इसके बाद सामान्य वर्ग के लोगों की संख्या अधिक है। इन दो वर्गों के 70 फीसदी युवा बेरोजगार हैं।
टॉप पर है ग्वालियर
सरकारी आंकड़ों के अनुसार 1.55 लाख बेरोजगारों की संख्या के साथ ग्वालियर टॉप पर है। दूसरे नंबर पर भोपाल है, जहां रजिस्टर्ड बेरोजगारों की संख्या 1.31 लाख है। इसके बाद रीवा में 1.09 लाख बेरोजगारों की संख्या है। इन तीन शहरों में प्रदेश के 15 फीसदी बेरोजगारों की संख्या है।
वहीं, आर्थिक राजधानी इंदौर में बेरोजगार युवकों की संख्या 1.02 लाख है। मुरैना में भी बेरोजगारों की संख्या इतनी ही है। प्रदेश में बेरोजगार ओबीसी युवाओं की संख्या करीब 10 लाख है और 8.11 लाख सामान्य वर्ग के युवाओं की संख्या। वहीं, अनुसूचित जाति के 4.35 लाख और अनुसूचित जनजाति के युवाओं की संख्या 3.36 लाख है।
इसके साथ ही इन एक दशक में 1647 नौकरी दी गई है। इसमें 760 सामान्य वर्ग, 323 एससी, 300 एसटी और 254 ओबीसी हैं। वहीं, 8.25 लाख लोगों को रोजगार मेले के जरिए ऑफर लेटर दिया गया। इनमें 2.89 लाख ओबीसी, 2.69 लाख सामान्य वर्ग के लोग, 1.54 लोग एससी और 1.11 लाख लोग एसटी वर्ग के थे।
जवाब में यह भी बताया गया है कि रोजगार कार्यालयों में बेरोजगार युवा कितने दिनों सो पंजीकृत हैं। इनमें 20.71 लाख से अधिक युवाओं ने एक वर्ष या उससे अधिक, 2.75 लाख से अधिक तीन साल या उससे अधिक और 68,000 से अधिक बेरोजगारों का रजिस्ट्रेशन पांच साल से उससे अधिक से हैं।