Deepak Joshi: पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने दो टूक शब्दों में ऐलान कर दिया है कि मैं कांग्रेस जा रहा हूं। उन्होंने कहा है कि मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा। पार्टी कहेगी तो शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ बुधनी से चुनाव से लड़ूंगा।
दीपक जोशी ने कहा कि स्व. पिताजी का हाटपीपल्या में स्मारक बनना है। प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष से लेकर मुख्यमंत्री तक सभी को कहा लेकिन किसी को कोई असर नहीं पड़ा। स्मारक की जगह खंडहर जैसी हो रही। कोई नहीं सुन रहा था। दीपक जोशी ने कहा कि पिता जी ने शुचिता की राजनीति की लेकिन अब कथनी और करनी में अंतर है। भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा हो गई है। आज कैलाश विजयवर्गीय ने इशारा किया। सत्तन जी, भंवर सिंह शेखावत मुखर हुए। बीजेपी अब वैसी नहीं रही जैसी की पिताजी ने सींची थी।
बीजेपी मेरे खिलाफ हो गई
उन्होंने कहा कि देवास से लेकर दिल्ली तक BJP के तमाम नेताओं, संगठन से जुड़े लोगों ने कोशिश की, CM ने कोशिश कर ली लेकिन मैं अपने फैसले पर अडिग हूं। अब पिताजी की विरासत को संभालना है। पिताजी के सम्मान के लिए यह कदम उठा रहा हूं। दीपक जोशी ने कहा कि मेरे पिता ने हमेशा ईमानदारी की राजनीति की। मैंने इसका बीड़ा उठाया तो BJP मेरे खिलाफ हो गई। मेरी उपेक्षा की गई।
मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा
दीपक जोशी ने कहा कि मुझे कांग्रेस से भी कोई टिकट नहीं चाहिए। यदि पार्टी कहेगी तो बुधनी से लड़ूंगा। उन्होंने कहा कि मेरी इस कदर उपेक्षा की जाती थी कि मेरे साथी नमस्कार तक नहीं करते थे। बात करना तो दूर। मुझे कार्यक्रमों में बुलाया तक नहीं जाता था। इस वजह से किसी कार्यक्रम में जबरन घुसने की कोशिश भी नहीं करता था। देवास जिले में मैं पार्टी के लिए इस प्रकार से हो गया था कि यदि मैं किसी कार्यक्रम में पहुंच जाता था तो लोगों को लगता था कि यह क्यों आ गया।
उन्होंने कहा कि ऐसे तत्वों के साथ अब बैठना मुझे भी अच्छा नहीं लग रहा, जो मुझे पसंद नहीं करते, उसके साथ मैं क्यों बैठूं। मुख्यमंत्री की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि यदि ताली बॉस की, तो गाली भी बॉस की… जब ताली लेते हो तो गाली भी आपको लेनी चाहिए।
बिना दिए नहीं हो रहा कोई काम\
दीपक जोशी ने कहा कि आज की तारीख में कोई भी काम बिना लिए-दिए नहीं हो रहा। भ्रष्टाचार की वैतरणी इतनी तेजी से बढ़ रही है कि गरुड़ पुराण का एक चैप्टर जरूर जुड़ जाएगा। भ्रष्टाचार करने वालों को यह मिलेगा, इतना खाने वाले को यह मिलेगा।
मैंने कुछ नहीं मांगा
वहीं, टिकट मांगने और चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि-जाति से ब्राह्मण हूं, जाति का स्वभाव मांगना होता है लेकिन फिर भी कभी कुछ नहीं मांगा। न पहले कुछ मांगा है, न अब मांगूंगा। मैं कमलनाथ के साथ जुड़कर अपनी आगामी रणनीति को तैयार करूंगा। पूरी कोशिश रहेगी, मेरा देवास जिला जो मेरे पिता की सुचिता की राजनीति का प्रतीक है। देवास जिले की कमियों को दूर करने का प्रयास करूंगा।
शिवराज के खिलाफ लड़ सकता हूं चुनाव
कांग्रेस यदि कहेगी तो बुधनी से चुनाव लड़ूंगा। किसी और जगह से नहीं लड़ूंगा। मैंने कभी किसी का हक नहीं मारा है न मारूंगा।
देवास से शकील खान की रिपोर्ट