MS Dhoni: बिहार-झारखंड का महिया कैसे बना साउथ इंडिया का सबसे बड़ा क्रिकेटिंग स्टार और कहलाया थाला

MS Dhoni: महेंद्र सिंह धोनी का यह सफर इतना आसान नहीं था। बीते दिनों जब चारों ओवर उनके संन्यास का हल्ला था, तब धोनी ने यह कहकर एकबार फिर सभी को चौंका दिया कि वह अपने फैंस को रिटर्न गिफ्ट देना चाहते हैं।

नई दिल्ली: वो उड़ना चाहता था, दौड़ना चाहता था। गिरना भी चाहता था, बस रूकना नहीं चाहता था। गॉल कॉलोनी के छोटे से क्वार्टर में जन्मा, रांची जैसे स्मॉल टाउन में पला, असफलता से तो मानो उसकी दोस्ती थी। कड़ी मेहनत से क्रिकेट के सहारे उसे सरकारी नौकरी भी मिल गई, लेकिन उसकी नजर तो कहीं और ही थी। उस मलंग ने जो चाहा वो पाया। आज रांची की तंग गलियों से निकलकर यह क्रिकेटर पैन इंडिया स्टार बन चुका है। दुनिया बिहार-झारखंड के इस महिया को आज थाला महेंद्र सिंह धोनी के नाम से जानती है। जिसने भारत को दो-दो वर्ल्ड कप दिलाए। आईपीएल में चेन्नई सुपरकिंग्स को हाल ही में पांचवीं बार चैंपियन बनाया। चेन्नई सुपरकिंग्स को इतना सफल बनाने के बाद वह तमिलनाडु में इतने लोकप्रिय हो गए कि लोग उन्हें थाला कहकर, बुलाने लगे, जिसका अर्थ होता है लीडर या विपरित हालातों में लड़ने वाला बड़ा भाई।
चेन्नई का चहेता बनने तक का सफर
2007 में धोनी टीम इंडिया को पहले ही सीजन में टी-20 का चैंपियन बना चुके थे। इस बीच इंडियन प्रीमियर लीग की घोषणा होती है। देश में पहली बार फ्रैंचाइजी क्रिकेट शुरू हो रहा था, जिसमें प्लेयर्स अब टीम इंडिया नहीं बल्कि अलग-अलग मालिकों के लिए खेलते। दुनियाभर के धन्ना सेठों ने यहां टीमें खरीदी। पैसा लगाया। साउथ के मशहूर बिजनस घराने इंडिया सीमेंट्स ने चेन्नई की फ्रैंचाइजी खरीदी। टीम का नाम रखा गया चेन्नई सुपरकिंग्स, यानी CSK। तब ओपनिंग सीजन के ऑक्शन में महेंद्र सिंह धोनी सबसे ज्यादा 9.5 करोड़ रुपए की सबसे बोली लगाकर अपने साथ जोड़ा था। यह धोनी का साउथ इंडिया से पहला कनेक्शन था।

दुनिया के सबसे सफल कप्तान
धोनी ने क्रिकेट में जो हासिल किया है, उसका सपना हर प्लेयर देखता है। वह तीन आईसीसी ट्रॉफी जीतने वाले एकमात्र कप्तान हैं। साल 2004 के अंत में पहला इंटरनेशनल मैच खेलने वाले धोनी ने वर्ल्ड कर दिलाया। 2009 में भारत उनकी कप्तानी में टेस्ट की नंबर एक टीम बनी। 2010 में साक्षी से शादी की और इसी साल आईपीएल का खिताब भी जीता। अगले साल भारत को वनडे विश्व कप में चैंपियन बनाया। दो साल बाद माही की ही कप्तानी में टीम इंडिया ने चैंपियंस ट्रॉफी जीती और धोनी तीन आईसीसी टूर्नामेंट जीतने वाले एकमात्र कप्तान बन गए। 2014 में अचानक टेस्ट क्रिकेट की कप्तानी छोड़कर संन्यास ही ले लिया। 2015 में पिता बने। 2016 में उनकी बायोपिक बनी। सरकार ने पद्मभूषण, पद्मश्री और राजीव गांधी खेल रत्न जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा।
जो चाहा वो सबकुछ पाया
छोटी सी सरकारी नौकरी करने वाले पिता के बेटे माही के पास आज दुनिया की हर सुख-सुविधा है। इंटरनेशनल क्रिकेट को भले ही तीन साल पहले अलविदा कह दिया हो, लेकिन उनकी ब्रांड वैल्यू लगातार बढ़ती ही जा रही है। माही के पास फिलहाल 35 से अधिक ब्रांड्स हैं, जिनका वह प्रचार करते हैं। ई-कॉमर्स से लेकर फाइनेंशियल सर्विसेज, हेल्थकेयर और रियल एस्टेट सेक्टर की कंपनियां उन्हें अपना फेस बनाने के लिए लाइन में लगी रहती हैं।। Duff & Phelps की माने तो पिछले साल धोनी की ब्रांड वैल्यू 8.03 करोड़ डॉलर थी। 2020 में जब उन्होंने रिटायरमेंट लिया था तो उनकी ब्रांड वैल्यू 3.63 करोड़ डॉलर थी।