नई दिल्ली: फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर अन्नदाता एक बार फिर से सड़क पर उतरे. रविवार को संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha) के नेतृत्तव में किसानों ने पूरे पंजाब में रेल रोको आंदोलन किया. संयुक्त किसान मोर्चा ने एमएसपी को लेकर राष्ट्र विरोधी प्रदर्शन का ऐलान किया था लेकिन सिर्फ पंजाब में ही विरोध प्रदर्शन किया गया. किसानों ने सुबह 11 बजे से लेकर 3 बजे तक 4 घंटे तक रेल रोको विरोध प्रदर्शन किया.
किसानों के करीब 40 संगठन उचित न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू करने की मांग कर रहे हैं. अपनी मांगों को मंगवाने के लिए किसानों ने केंद्र सरकार के विरोध में अमृतसर, बठिंडा समेत कई इलाकों में रेलवे ट्रैक को अवरुद्ध कर दिया. किसानों ने अंबाला, पंचकूला के बरवाला और कैथल के चीका में शंभू टोल प्लाजा पर विरोध प्रदर्शन किया.
सरकार की तरफ से नहीं उठाया गया कोई कदम
अमृतसर में विरोध कर रहे किसान गुरलाल सिंह ने आज समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, “जब हमने दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किया था, तो केंद्र ने हमें हमारी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था, लेकिन सरकार की तरफ से इस दिशा में अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है और न ही किए गए वादों को पूरा किया गया है. उन्होंने कहा कि हम फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) लागू करने की मांग कर रहे हैं.”
किसानों के रेल-रोको विरोध के बीच यात्री अमृतसर में रेलवे स्टेशन पर फंस गए हैं. 11 जुलाई को लुधियाना में भारती किसान यूनियन (लखोवाल) के कार्यालय में राज्य निकाय की बैठक में विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया.
इससे पहले बीकेयू महासचिव और एसकेएम राज्य समिति के सदस्य हरिंदर सिंह लखोवाल ने मीडियाकर्मियों से कहा था कि किसान संगठन 18 से 30 जुलाई तक जिला स्तरीय सम्मेलन आयोजित कर विरोध प्रदर्शन के लिए समर्थन जुटाएंगे.
पंजाब सरकार के खिलाफ होगा विरोध प्रदर्शन
रेल रोको आंदोलन के दौरान संयुक्त किसान मोर्चा ने 3 अगस्त को पंजाब में आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ गन्ने के बकाया का भुगतान न करने और सफेद मक्खी से बर्बाद हुई कपास की फसल के मुआवजे सहित कई मुद्दों पर विरोध प्रदर्शन करने की अपनी योजना की घोषणा की है.