MSP: त्योहारी सीजन में किसानों की बल्ले-बल्ले, गेहूं-सरसों-जौ का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा

मोदी सरकार ने मंगलवार को गेहूं, सरसों और चना-मसूर जैसी फसलों के एमएसपी में 3 से 9 फ़ीसदी की वृद्धि कर दी है.

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मंगलवार को जितना फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया गया है, उसमें जूट, चना, सरसों, सोयाबीन, गेहूं, मसूर और जो आदि शामिल है.

नई दिल्ली: दिवाली से ठीक पहले मोदी सरकार ने किसानों को शानदार तोहफा दिया है. मोदी सरकार ने 6 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा दिया है. केंद्र सरकार की बैठक में 6 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने का फैसला किया गया है. मोदी सरकार ने मंगलवार को गेहूं, सरसों और चना-मसूर जैसी फसलों के एमएसपी में 3 से 9 फ़ीसदी की वृद्धि कर दी है.

मंगलवार को जितना फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया गया है, उसमें जूट, चना, सरसों, सोयाबीन, गेहूं, मसूर और जो आदि शामिल है. सूत्रों के मुताबिक एमएसपी समिति की बैठक में गेहूं और जौ का एमएसपी बढ़ाने पर सहमति हो गई है.

केंद्र सरकार ने मंगलवार को किए गए फैसले में गेहूं की एमएसपी ₹110 बढ़ा दी है जबकि जौ का न्यूनतम समर्थन मूल्य ₹100 बढ़ाया गया है. केंद्र सरकार के इस कदम से किसानों की आम्दानी बढ़ाने में काफी मदद मिलने की उम्मीद है.

चने के समर्थन मूल्य में ₹105 की वृद्धि की गई है जबकि मसूर के न्यूनतम समर्थन मूल्य में ₹500 की वृद्धि की गई है. एमएसपी समिति के सुझाव के बाद केंद्र सरकार ने फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने का फैसला किया है.

मसूर के न्यूनतम समर्थन मूल्य में सबसे अधिक नौ फीसदी की वृद्धि की गई है. मोदी सरकार ने सरसों का एमएसपी ₹400 प्रति क्विंटल बढ़ा दिया है. इसी तरह सूरजमुखी के एमएसपी में भी ₹200 की वृद्धि की गई है.

एमएसपी या न्यूनतम समर्थन मूल्य वह न्यूनतम मूल्य है जिस पर सरकार किसानों से फसल खरीदती है. एमएसपी को आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि सरकार किसान से जिस भाव पर फसल खरीदती है उस कीमत को एमएसपी कहते हैं. किसानों को उनकी फसल के लिए एमएसपी से कम भुगतान नहीं किया जा सकता.

अगर सरकार देश में किसी अनाज की उपज बढ़ाना चाहती है तो उसके लिए एमएसपी की घोषणा करती है. किसी फसल का एमएसपी इसलिए तय किया जाता है ताकि किसानों को किसी भी हालत में उनकी फसल के लिए एक उचित न्यूनतम मूल्य मिलता रहे.