शिमला, 14 अक्तूबर : ऊना जिले की हरोली विस में कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री पिछले 19 साल से चुनाव नहीं हारे। वर्ष 2003 से अब तक अग्निहोत्री लगातार जीत का परचम लहरा रहे है। डी-लिमिटेशन से पहले संतोषगढ़ के नाम से जाने जानी वाली हरोली विस क्षेत्र में ब्राह्मणों का दबदबा रहा है। यहां 1977 से लगातार ब्राह्मण उम्मीदवार जीत कर विधानसभा पहुंच रहे है।
भाजपा ने मुकेश अग्निहोत्री को हराने के लिए हर संभव प्रयास किया मगर वोटरों में लोकप्रियता के चलते हर बार उन्हें मुंह की खानी पड़ी। इस विधानसभा के राजनीतिक इसिहास पर नजर दौड़ाई जाए तो यहां 1977 से अब तक भाजपा सिर्फ 2 बार ही जीत पाई है। 1977 से 1985 तक कांग्रेस के विजय कुमार जोशी यहां से लगातार चुनाव जीतते रहे। 1990 में पहली बार जोशी को उन्ही के चाचा कश्मीरी लाल ने बीजेपी के टिकट पर पटखनी देकर यहां भगवा लहराया था। उसके बाद 1993 में दोबारा विजय कुमार जोशी यहां से चुनाव जीते। मगर 1998 में जय किशन शर्मा ने यह सीट बीजेपी की झोली में डाल दी।
2003 में स्वर्गीय मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने एक पत्रकार मुकेश अग्निहोत्री को यहां से चुनाव में उतारा। जिन्होंने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। लगातार 4 बार मुकेश अग्निहोत्री ने इस सीट से भाजपा के उम्मीदवार को पराजित किया। इस दफा हरोली में मतदाता मुकेश अग्निहोत्री को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाह रहे है। यहां भाजपा अभी टिकट का फैसला नहीं कर पाई है। पिछली दफा यहां से राम कुमार को भाजपा ने चुनाव में उतारा था। रामकुमार ने अग्निहोत्री को कड़ी टक्कर दी थी। वह लगभग 42 प्रतिशत मत हासिल करने में कामयाब रहे थे। इस बार मुकेश अग्निहोत्री की बेटी भी पिता के लिए चुनाव प्रचार में डटी है। हल्के के लोग मुकेश अग्निहोत्री को मुख्यमंत्री से कम नहीं देखना चाहते इसलिए भाजपा के लिए यहां चुनावी डगर बेहद कठिन है।