Mukesh Ambani news: मुकेश अंबानी की झोली में गिर सकती है यह बड़ी कंपनी, और कोई नहीं है रेस में

देश के दूसरे सबसे बड़े रईस मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की झोली में एक और कंपनी गिरने वाली है। जर्मन कंपनी मेट्रो एजी (Metro AG) भारत में अपना होलसेल बिजनस बेचने जा रही है। इसे खरीदने की होड़ में अब रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) ही रह गई है। यहां जानिए डिटेल…

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नई दिल्ली: देश के दूसरे सबसे बड़े रईस मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) कई सेक्टर्स में अपना कारोबार फैलाने में लगे हैं। इस बीच एक और कंपनी उनकी झोली में गिरने वाली है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक जर्मन कंपनी मेट्रो एजी (Metro AG) का भारत में होलसेल कारोबार खरीदने की रेस में रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) एकमात्र कंपनी रह गई है। अंबानी देश के रिटेल सेक्टर में अपना दबदबा बनाना चाहते हैं। सूत्रों के मुताबिक दोनों कंपनियों के बीच बातचीत एडवांस स्टेज में है।

थाईलैंड की कंपनी Charoen Pokphand Group Co. ने भी मेट्रो एजी के भारतीय कारोबार को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई थी। लेकिन सूत्रों के मुताबिक उसकी मेट्रो से बातचीत नहीं चल रही है। यानी अब केवल रिलायंस (RIL) ही मेट्रो के कैश एंड कैरी (Metro Cash & Carry) बिजनस को खरीदने की होड़ में रह गई है। इस बारे में अगले महीने तक अंतिम फैसला हो सकता है। इस डील की वैल्यू एक अरब डॉलर से 1.2 अरब डॉलर तक हो सकती है। इसमें कर्ज भी शामिल है। सूत्रों की मानें तो दोनों कंपनियों के बीच वैल्यूएशन समेत डिटेल पर बातचीत हो रही है। इस बारे में मेट्रो और रिलायंस के प्रतिनिधियों ने टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।

मेट्रो का बिजनस
मेट्रो ने 2003 में भारतीय बाजार में एंट्री मारी थी और अभी उसके देश में 31 होलसेल डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर हैं। कंपनी के कोर क्लाइंट में होटल, रेस्टोरेंट्स (Hotel & Restaurant) के अलावा स्मॉल रिटेलर्स (Small Retailors) शामिल हैं। रिलांयस पहले ही देश की सबसे बडी ब्रिक एंड मोर्टार रिटेलर है। होलसेल यूनिट के आने से उसकी स्थिति और मजबूत होगी। मेट्रो के बिजनस में ऐमजॉन (Amazon) ने भी दिलचस्पी दिखाई थी।