Mukesh Khanna furious at ‘CBFC’ for passing ‘Adi Purush’, said- ‘The Censor Board is not our mother-father’

'आदिपुरुष' पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप है. (फोटो साभार: Instagram@iammukeshkhanna)

‘आदिपुरुष’ पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप है.

मुकेश खन्ना (Mukesh Khanna) और गजेंद्र चौहान (Gajendra Chauhan) ने ‘आदिपुरुष’ में मुख्य पात्रों में किए गए बदलावों के बारे में बात की है. मुकेश भट्ट ने एक नए इंटरव्यू में कहा कि लोग हजारों कहानियां बना सकते हैं, लेकिन हमारे देवी-देवताओं का मजाक नहीं उड़ा सकते. उन्होंने हिंदू पात्रों के प्रति सम्मान जताने की बात भी कही. गजेंद्र चौहान ने कहा कि रावण हमारे इतिहास का एक अभिन्न चरित्र है और अगर उनका रूप बदल दिया जाता है, तो दर्शक इसे स्वीकार नहीं करेंगे.

मुकेश खन्ना और गजेंद्र चौहान ने टीवी सीरियल ‘महाभारत’ में पौराणिक किरदार निभाए थे. सीरियल में मुकेश ने भीष्म की भूमिका निभाई थी, जबकि गजेंद्र युधिष्ठिर बने थे. बीआर चोपड़ा द्वारा निर्मित, टेलीविजन सीरीज में 94 एपिसोड थे. मुकेश खन्ना ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा, ‘उन्होंने कलयुग को महाभारत की व्याख्या के रूप में बनाया, लेकिन उन्होंने कभी नहीं कहा कि वे इसे दोहरा रहे हैं. रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्यों को तकनीक से नहीं बनाया जा सकता. कुछ लोग कहते हैं- आप कौन होते हैं आपत्ति करने वाले जब सेंसर बोर्ड ने इसे पारित किया है? सेंसर बोर्ड कोई हमारा माई बाप नहीं है. यह सुप्रीम कोर्ट नहीं है.’

वे आगे कहते हैं, ‘1 हजार कहानियां बनाएं, लेकिन हमारे देवी-देवताओं का मजाक मत उड़ाएं. तभी आपकी फिल्म चलेगी. देखिए जब यहां बायकॉट कल्चर था, तब भी कार्तिकेय 2 ने कैसे काम किया. अगर आप हिंदू पात्रों को लेते हैं, तो उनका सम्मान करें, जैसे वे साउथ की फिल्मों में करते हैं.’

‘आदिपुरुष’ ने लोगों की भावनाओं को किया आहत
गजेंद्र चौहान ने कहा, ‘जब भी रामलीला होती है, राम को राम के रूप में ही देखा जाता है, इसलिए जब तक बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है, आप किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचा सकते या फिर लाइन क्रॉस नहीं कर सकते. ये फिल्म निर्माता इन पात्रों के साथ खेल रहे हैं और वे हर बार असफल होते हैं. मैंने अपने चार दशक लंबे करियर में करीब 150 किरदार निभाए हैं. मेरा मानना ​​है, भगवान शिव को शिव के रूप में दिखाया जाना चाहिए, भगवान विष्णु को विष्णु के रूप में दिखाया जाना चाहिए. इसी तरह रावण भी हमारे इतिहास का अभिन्न चरित्र रहा है, अगर आप उनके लुक और माहौल को बदलने की कोशिश करेंगे तो दर्शक इसे कभी स्वीकार नहीं करेंगे.’

‘आदिपुरुष’ की हो रही आलोचना
जब से ओम राउत के ‘आदिपुरुष’ का पहला टीजर रिलीज हुआ है, तब से फिल्म और रामायण का चित्रण लोगों की चर्चा का विषय बना हुआ है. फिल्म का खराब वीएफएक्स और पात्रों को गलत तरीके से दिखाने की वजह से इसकी आलोचना हो रही है. ‘आदिपुरुष’ में प्रभास को राघव (भगवान राम से प्रेरित), कृति सैनन को जानकी (सीता माता) और सैफ अली खान को लंकेश (रावण) के रूप में दिखाया गया है.