उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुधवार को प्रयागराज पहुंचकर अपने दिवंगत पिता मुलायम सिंह यादव का अस्थि विसर्जन किया। संगम तट पर वीवीआईपी घाट पर अखिलेश और उनके साथ पूरा यादव परिवार उपस्थित रहा। वह स्पेशल विमान से प्रयागराज पहुंचे थे।
अखिलेश और यादव परिवार के दूसरे सदस्य अस्थि कलश लेकर संगम में प्रवाहित करने पहुंचे थे। ये लोग स्पेशल विमान के जरिए इटावा से प्रयागराज के बमरौली एयरपोर्ट उतरे, उसके बाद वहां से सभी लोग संगम पहुंचे। यहां अस्थियां प्रवाहित करने के बाद 12:55 पर सिविल एयरपोर्ट बमरौली परिसर के बाहर उनका काफिला निकला।
हरिद्वार में सोमवार को हुआ था विसर्जन
इससे पहले मुलायम सिंह यादव का अस्थि विसर्जन सोमवार को हरिद्वार में भी हुआ था। अखिलेश यादव सहित पूरा परिवार चंडी घाट नमामि गंगे घाट पर मौजूद रहा। पूरे विधि विधान और मंत्रोच्चार के साथ मुलायम के मोक्ष की कामना की गई। अखिलेश, डिंपल सहित सभी सदस्यों ने विसर्जन के बाद गंगा में डुबकी लगाई।
अखिलेश भैया सम्हालेंगे विरासत, प्रतीक यादव बोले
अखिलेश यादव के साथ उनके चाचा और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रमुख शिवपाल यादव और भाई प्रतीक यादव भी अस्थि विसर्जन के दौरान संगम तट पर मौजूद थे। संगम तट पर प्रतीक यादव ने कहा, ‘पूरा देश मुलायम सिंह यादव को याद कर रहा है। नेता जी की सियासी विरासत बहुत बड़ी है जिसे अखिलेश भैया आगे बढ़ा रहे हैं। नेता जी ने पिता के तौर पर बहुत कुछ सिखाया है.. बहुत कुछ दिया है। उनकी शिक्षा हमेशा हमारे साथ रहेगी।’ अखिलेश और शिवपाल के बीच रिश्ते सुधरने के संबंध में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार किया।
डिंपल नहीं मौजूद थीं संगम पर
समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष योगेश यादव ने बताया कि आज संगम में अस्थि विसर्जन के दौरान अखिलेश यादव, उनके बेटे अर्जुन और बेटी अदिति, चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव, रामगोपाल के बेटे और फिरोजाबाद से सांसद अक्षय प्रताप और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के पुत्र तेज प्रताप (तेजू) मौजूद थे। संगम पर इस दौरान अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव मौजूद नहीं थीं।
10 अक्टूबर को हुआ था मुलायम का निधन
सोमवार को हरिद्वार में गंगा में अस्थि विसर्जन के दौरान डिंपल अपने पति अखिलेश यादव के साथ मौजूद थीं। समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का गत 10 अक्टूबर को गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। अगले दिन सैफई में उनका अंतिम संस्कार किया गया।