विश्व हृदय दिवस की पूर्व संध्या पर बीएमसी ने अपने मुख्यालय से इस प्रशिक्षण अभियान की शुरुआत की है। कर्मचारियों के बाद हाउसिंग सोसायटियों में वहां के निवासियों को सीपीआर ट्रेनिंग दी जाएगी।
मुंबई: कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) एक आपातकालीन प्रक्रिया है, जो किसी व्यक्ति की सांस या दिल के रुक जाने पर उसकी जान बचाने में मदद कर सकती है। हालांकि, इसकी जानकारी बहुत कम लोगों को होती है। इसे ध्यान में रखते हुए बीएमसी अब हाउसिंग सोसायटियों (Housing Societies) में सीपीआर (CPR) देने के तरीके के बारे में लोगों को प्रशिक्षित करेगी। बीएमसी (BMC) ने हर सोसायटी में 3 से 4 सीपीआर मैन बनाने का लक्ष्य रखा है। दरअसल मुंबई (Mumbai) में सीपीआर बहुत कम लोग जानते हैं, इसलिए बीएमसी ने लोगों को इस बारे में सिखाने और प्रशिक्षित करने का फैसला किया है।
बीएमसी की संयुक्त कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दक्षा शाह ने बताया कि हाउसिंग सोसायटी, कॉलेजों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर सीपीआर प्रशिक्षण का अभियान चलाएंगे, ताकि सभी को पता चल सके कि आपातकालीन स्थितियों में क्या करना है और किसी की जान को गोल्डन ऑवर में कैसे बचाना है।
डिजास्टर मैनेजमेंट करेगा मदद
डॉ. दक्षा शाह ने बताया कि इसके लिए डिजास्टर मैनेजमेंट का सहयोग लिया जाएगा। हर सोसायटी में एक से दो घंटे का सीपीआर सेशन होगा। फर्स्ट रेस्पांडर के रूप में तीन से चार लोगों को तैयार किया जाएगा, ताकि जरूरत पड़ने पर ये लोग अपनी सोसायटियों में कार्डिएक अरेस्ट से प्रभावित लोगों को समय पर सीपीआर दे सकें।
कब आता है कार्डिएक अरेस्ट
जब किसी का दिल धड़कना बंद कर देता है, तो उसे कार्डिएक अरेस्ट आता है। इस दौरान, हृदय मस्तिष्क और फेफड़ों सहित शरीर के बाकी हिस्सों में रक्त पंप नहीं कर सकता है। यदि व्यक्ति को तत्काल चिकित्सा मदद नहीं मिलती है, तो यह घातक हो सकता है और व्यक्ति की मौत हो सकती है। अगर कार्डिएक अरेस्ट के समय व्यक्ति पर तुरंत सीपीआर की गई, तो संबंधित व्यक्ति की जान बचने की संभावना बढ़ जाती है।