मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड मेट्रो 3 को लेकर तेजी दिखानी शुरू कर दी है। अब उम्मीद है कि दिसंबर 2023 तक सीप्ज से बीकेसी के बीच सेवा शुरू हो जाएगी। वहीं कारशेड तैयार करने काम भी अगले साल 2023 तक पूरा हो जाएगा।
मुंबई: मेट्रो 3 (Mumbai Metro) के पहले चरण का कार्य दिसंबर, 2023 तक पूरा कर सीप्ज से बीकेसी के बीच सेवा शुरू कर दी जाएगी। मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एमएमआरसीएल) की एमडी अश्विनी भिडे के अनुसार, मेट्रो के पहले चरण के कार्य संचालन के लिए आरे में कारशेड तैयार करने का काम अप्रैल 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा। राज्य सरकार की हरी झंडी मिलने के बाद एमएमआरसीएल (MMRCL) ने आरे में कारशेड बनाने की रूपरेखा भी तैयार कर ली है।
आरे से बीकेसी के बीच मेट्रो के 9 रेक के साथ सेवा शुरू होगी। मेट्रो के 9 रेक के रखरखाव और संचालन के लिए कारशेड में स्टेबलिंग लाइन और अन्य व्यवस्था करने का काम अप्रैल 2023 तक कर लेने की एमएमआरसीएल की तैयारी है। फेज 1 के लिए जरूरी इंतजाम करने के बाद फेज 2 को हैंडल करने का काम आरे में जारी रहेगा। जून 2024 तक पूरे रूट पर सेवा शुरू कर दी जाएगी। महाराष्ट्र में सत्ता बदलने के बाद से मेट्रो-3 के काम की रफ्तार काफी बढ़ गई है। कैबिनेट ने इसके बढ़े खर्च को भी मंजूरी दे दी है।
व्यापारिक केंद्रों से होकर गुजरेगी
उम्मीद की जा रही है कि पूरे रूट पर मेट्रो शुरू होने के बाद मुंबईकरों को लोकल ट्रेन का एक विकल्प मिल जाएगा। मेट्रो-3 के पहले चरण में सेवा सीप्ज से बीकेसी और दूसरे चरण में बीकेसी से कालबादेवी होते हुए कोलाबा जैसे कई व्यापारिक केंद्रों से होकर गुजरेगी। इसीलिए इसे यात्रियों का अच्छा प्रतिसाद मिलने की उम्मीद है।
29 फीसदी कारशेड तैयार
मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (एमएमआरसीएल) की एमडी अश्विनी भिडे ने मेट्रो 3 को लेकर पूरा रोड मैप पेश किया। पेश है उसके प्रमुख अंश: … अश्विनी के अनुसार, आरे में कारशेड तैयार करने का काम 29 फीसदी तक पूरा हो चुका है। आरे में 25 हेक्टर जमीन पर कारशेड का निर्माण कार्य चल रहा है। पूरे कारशेड का निर्माण होने पर यहां 42 गाड़ियों का आसानी से रखरखाव किया जा सकेंगे। निर्धारित समय से पहले काम पूरा करने के लिए एक साथ अलग-अलग विभागों में किया जाएगा।
‘…तो तैयार हो चुका होता’
अगर कारशेड के निर्माण पर रोक नहीं लगी होती, तो अब तक कारशेड बन कर तैयार हो चुका होता। पहले फेस के तहत एमएमआरसीएल ने 12.22 किमी की दूरी तक सेवा शुरू करने की योजना तैयार की है। वहीं, दूसरे फेस में 21.39 किमी रूट पर मेट्रो को चलाया जाएगा। भिडे के मुताबिक, फेस 1 पर भूमिगत मार्ग तैयार करने का काम 100 फीसदी पूरा हो चुका है। वहीं, 84 फीसदी तक स्टेशन वर्क भी पूरा हो गया है। पूरे प्रॉजेक्ट का करीब 75 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। कोलाबा-बांद्रा-सिप्ज के बीच 33.3 किमी लंबा मेट्रो कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। पूरे रूट पर अब केवल एक ही टनल तैयार करने का काम शेष रह गया है, यह टनल भी सितंबर या अक्टूबर तक बन कर तैयार हो जाएगी।
महीने के अंत से ट्रायल रन शुरू
लोगों को ट्रैफिक से निजात दिलाने के लिए अगस्त के अंतिम सप्ताह से फेस 1 के रूट पर ट्रायल रन की शुरुआत कर दी जाएगी। ट्रायल रन के दौरान करीब 10 हजार किमी तक मेट्रो को मार्ग पर दौड़ाया जाएगा। जून 2023 के करीब रेलवे सेफ्टी बोर्ड को रेलवे मार्ग की जांच करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।
जानिए इसलिए बढ़ गया खर्च
एमएमआरसीएल की एमडी के मुताबिक, मेट्रो 3 कॉरिडोर देश की सबसे लंबी भूमिगत मेट्रो है। मेट्रो 3 के लिए होने वाले खर्च का अनुमान दिल्ली मेट्रो के निर्माण में हुए खर्च को ध्यान में रख कर तय किया गया था। जबकि, दिल्ली और मुंबई की भौगोलिक परिस्थितियों में काफी अंतर है। मुंबई में मेट्रो मार्ग का निर्माण के कई इमारतों के नीचे से किया गया है। इस वजह से हमें अधिक सावधानी बरतनी पड़ी है, वहीं दिल्ली में समतल जमीन पर मेट्रो तैयार की गई है।
मुंबई में मेट्रो का अधिकांश मार्ग ट्रैफिक वाली सड़कों से हो कर गुजरता है। दिल्ली मेट्रो पर 6 डिब्बों की रेक दौड़ती है, जबकि मुंबई में 8 डिब्बों की ट्रेन होगी। मुंबई के स्टेशनों पर अधिक प्रवेश व निकासी द्वार है। भिडे के अनुसार, मेट्रो कॉरिडोर के निर्माण के लिए अब तक एमएमआरसीएल को करीब 21,816 करोड़ रुपये प्राप्त हो चुके हैं। काम पूरा करने के लिए और भी पैसे ही जरूरत पड़ेगी। यह कमी दूर करने के लिए केंद्र सरकार से फंड मुहैया करवाने की अपील की जाएगी।