दिल्ली के मुंडका (Mundka Fire Incident, New Delhi) में एक चार मंज़िला इमारत में भीषण आग लगी. मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास बीते शुक्रवार शाम को घटी इस घटना में मृतकों की संख्या बढ़कर 27 हो चुकी है और कम से कम 12 लोगों के ज़ख़्मी होने की खबर है. एनडीआरएफ (NDRF) की टीम, फायर डिपार्टमेंट (Fire Department) ने अब तक कई जानें बचाई लेकिन अभी भी बहुत से लोग गुमशुदा हैं.
आने-जाने की एक सीढ़ी, खिड़कियों से कूदकर भागते नज़र आए लोग
बताया जा रहा है कि एस इमारत में आने जाने की एक ही सीढ़ी थी. जान बचाने के लिए लोग रस्सियों की मदद से खिड़कियों से बाहर कूदते नज़र आए. हाल के समय में दिल्ली में घटा ये अग्निकांड सबसे भयंकर अग्निकांड है. क्योंकि भागने का सिर्फ़ एक ही रास्ता था इस वजह से भी बहुत सी ज़िन्दगियां तबाह हो गईं.
मृतकों की शिनाख्त करना मुश्किल
कुछ मृतकों का शरीर इतनी बुरी तरह जल चुका है कि उनकी पहचान करना मुश्किल हो रहा है. फ़ोरेंसिक टीम की मदद से उनकी पहचान की कोशिश की जा रही है. शरीर इस कदर जले हुए मिले कि वो किसी आदमी का है या औरत का ये तक पता नहीं चल पा रहा.
संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल में बनाया गया हेल्पडेस्क
घायलों को नज़दीक के संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल ले जाया गया. रातभर अस्पताल में अफ़रा-तफ़री का माहौल था. बहुत से लोग अपने परिजनों को ढूंढते हुए अस्पताल पहुंचे हुए थे. अस्पताल में घायलों की जानकारी देने के लिए एक हेल्पडेस्क बनाया गया.
ज़िलाधिकारी (पश्चिम) द्वारा जारी किए गए नोटिस के अनुसार, गुमशुदा व्यक्तियों के बारे में पूछताछ करने के लिए इन हेल्पलाइन नंबर्स पर संपर्क किया जा सकता है- 011-25195529, 011-25100093. इस WhatsApp नंबर के ज़रिए भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है- +91 7982661695
कंपनी के मालिकों को किया गया गिरफ़्तार, इमारत का मालिक फ़रार है
समीर शर्मा, डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (आउटर) के मुताबिक, इमारत की पहली मंज़िल पर आग लगी, इसमें एक सीसीटीवी कैमरा, राउटर बनाने वाली कंपनी का ऑफ़िस था. पुलिस ने कंपनी के मालिक हरीश गोयल और वरुण गोयल को डिटेन कर लिया है. अग्निकांड में दोनों के पिता, अमरनाथ गोयल की भी मौत हो गई. पुलिस ने बताया कि इमारत के मालिक का नाम मनीष लकड़ा (Manish Lakra) है और वो फरार है. हालांकि घटना के दौरान वो इमारत में मौजूद था या नहीं इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है. ये भी बताया जा रहा है कि इस इमारत को फ़ायर डिपार्टमेंट ने एनओसी भी नहीं दी थी.
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, इमारत की दूसरे फ़्लोर पर एक मोटिवेशनल स्पीच प्रोग्राम चल रहा था. इस प्रोग्राम में बहुत से लोग हिस्सा लेने पहुंचे. शुरुआती जांच के मुताबिक इस फ़्लोर से सबसे ज़्यादा शव बरामद किए गए.
100 दमलकर्मियों और 30 से ज़्यादा वाहन ने चलाया रेस्क्यू अभियान
नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार 30 से ज़्यादा दमकल वाहन और 100 से ज़्यादा दमलकर्मियों ने आग बुझाने और रेस्क्यू के काम में लगे थे. दिल्ली फ़ायर सर्विस के डायरेक्टर, अतुल गर्ग का कहना था कि हो सकता है बिल्डिंग में ज्वलनशील पदार्थ इकट्ठा किए गए हों. एनडीआरएफ की टीम ने भी रेस्क्यू मिशन में सहयोग दिया.
स्थानीय व्यक्तियों का कहना है कि इमारत अवैध रूप से बनाई गई थी. यहां पहले भी आग लगने की छोटी-छोटी घटनाएं घट चुकी हैं लेकिन कभी किसी ने आवाज़ नहीं उठाई. प्रधानमंत्री मोदी ने मृतकों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2-2 लाख और घायलों को 50,000 रुपये मुआवज़ा देने की घोषणा की है.