चंबाघाट में गरीबों को दिए जा रहे भवन काफी समय से विवादों में चल रहे है। जिसको लेकर काफी राजनीति भी होती रही है। अब नगर निगम इन फ्लैटों को गरीब पात्र व्यक्तियों को जल्द देने जा रही है। पानी बिजली के कनैक्शन भी देने आरम्भ कर दिए गए हैं। आप को बता दें कि नगर निगम के कार्यकाल में यह फ्लैट्स बनाए गए। लेकिन यह फ्लैट्स बिलकुल अधूरे थे इन में पानी बिजली का कोई प्रबंध नहीं था लेकिन मंत्री सुरेश भारद्वाज ने फ्लैट्स की चाबियां गरीबों को सौंप दी थी। अब नई नगर निगम के मेयर और डिप्टी मेयर ने युद्ध स्तर पर कार्य करवाया पानी बिजली के कनेक्शन लगाने के लिए एनओसी प्रदान की। लेकिन अब एक और नया विवाद खड़ा हो गया है। सबसे ऊपरी मंजिल पर जो सीलिंग की गई है वह बेहद नाजुक है जो अभी से गिरने भी लग गई है। इस बात का खुलासा तब हुआ जब पात्र व्यक्ति पानी की फिटिंग करवाने के लिए पहुंचे। उन्होंने कहा कि यह बेहद असुरक्षित है। नगर निगम अधिकारियों को स्थल का निरीक्षण करना चाहिए।
चिंता व्यक्त करते हुए पात्र नरेश कुमार ने कहा कि वह पानी की फिटिंग करवाने के लिए फ्लैट पहुंचे तो पाया कि सबसे ऊपरी मंजिल में जो सीलिंग की गई है वह बेहद कच्ची है। अगर फ़्लैट में रहने वाला व्यक्ति पंखा चला देगा तो आशंका है कि सारी सीलिंग नीचे गिर जाएगी। इस लिए सबसे ऊपरी फ़्लैट में रहना बेहद असुरक्षित है। इस लिए वह प्रशासनिक अधिकारियों और नगर निगम के पदाधिकारियों से आग्रह करते हैं कि वह एक बार आ कर इस सीलिंग का निरिक्षण ज़रूर करें। उन्होंने कहा कि सरकार अगर गरीबों को फ़्लैट दे रही है तो वह कम से कम सुरक्षित ज़रूर होने चाहिए।