‘मशरूम गर्ल’ दिव्या रावत: नौकरी छोड़ शुरू की मशरूम की खेती, आज है 2 करोड़ रुपए का टर्नओवर

आज के समय में पढ़ाई खत्म करने के बाद युवाओं की ख्‍वाहिश अच्‍छी जॉब और मोटी सैलरी हासिल कर लग्‍जरियस लाइफ जीने की होती है. खेती-किसानी इनकी लिस्‍ट में शायद ही होती है. इस दौर में एक ऐसी भी लड़की है, जिसने अपनी अच्छी खासी नौकरी छोड़कर मशरूम में खेती करना शुरू किया और देखते ही देखते करोड़पति बन गई.

कुछ सालों की मेहनत के बाद आज यह लड़की अपने राज्य में ‘मशरूम गर्ल’ के नाम से जानी जाती है. यह लड़की है देहरादून में रहने वाली 30 साल की दिव्या रावत. मूलत: दिव्या चमोली जिले से आती हैं. उनके पिता आर्मी में थे. जब दिव्या 12वीं कक्षा में थी, तब उनका निधन हो गया था. ऐसे में उनके लिए आगे का सफ़र आसान नहीं रहा. 

12वीं करने के बाद दिव्या ने एमिटी यूनिवर्सिटी नोएडा से बीएसडब्ल्यू और एमएसडब्ल्यू (मास्टर ऑफ सोशल वर्क) की पढ़ाई की. फिर प्राइवेट कंपनी में 25 हजार रुपए महीने की नौकरी भी की. एक के बाद एक करीब 8 नौकरियां बदलीं, क्योंकि इनसे संतुष्ट नहीं थी. कुछ अलग करने की चाह उन्हें वापस अपने घर ले आई.

2011-12 में दिल्ली में 25 हजार की नौकरी छोड़कर दिव्या ने अपने गांव वापस लौटीं और कुछ नया करने के इरादे से 2013 में देहरादून के मोथरोवाला में एक कमरे में मशरूम की खेती शुरू कर दी. उन्होंने सौ बैग मशरूप उगाकर अपना काम शुरू किया था. धीरे-धीरे काम चल पड़ा. इलाके से निकलकर उनके मशरूम दूर-दूर तक जाने लगे.

दिव्या की उगाई मशरूम की आपूर्ति दून की मंडी से लेकर दिल्ली की आजादपुर मंडी तक होने लगी. आगे दिव्या ने ट्रेनिंग टू ट्रेडिंग कॉन्सेप्ट पर काम किया, जिसके तहत वो उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, और हिमाचल प्रदेश समेत देश के अलग-अलग राज्यों तक पहुंचीं. उनकी कंपनी के मशरूम प्रोडक्ट विदेश तक में बिक रहे हैं.

मशरूम के क्षेत्र में दिव्या योगदान को इसी से समझा जा सकता है कि उन्हें राज्य सरकार ने ब्रांड एंबेसडर बनाया. यही नहीं 2017 में महिला दिवस के मौके पर तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी उन्हें सम्मानित किया था. कमाई की बात करें तो मशरूम के जरिए दिव्या आज करीब 2 करोड़ रु से अधिक का सालाना कारोबार कर रही हैं.