प्रदेश के खुंब उत्पादकों को संगठित करने के लिए प्रदेश का पहला कृषक उत्पादक संगठन सोलन में गठित होगा। इसको लेकर नाबार्ड हिमाचल प्रदेश द्वारा एक परियोजना को स्वीकृत किया गया है, जिसका स्वीकृति पत्र खुंब अनुसंधान निदेशालय (डीएमआर) सोलन को सौंप दिया है। संगठन बनने से न केवल मशरूम उत्पादक अपने उत्पाद के सही मूल्य के लिए मोल भाव कर सकेंगे बल्कि स्पॉन व कंपोस्ट भी कम दामों पर अपने सदस्यों को उपलब्ध करवा सकेंगे और प्रसंस्करण की दिशा में भी कार्य कर सकेंगे। गौर रहे कि सोलन को मशरूम सिटी ऑफ इंडिया के नाम से भी जाना जाता है। वर्तमान समय में मशरूम उत्पदाकों द्वारा मशरूम उत्पादन का काम असंगठित तौर पर किया जाता है। इस कारण किसानों को अपनी उपज का सही मूल्य नहीं मिल पाता है व साथ ही स्पॉन व कंपोस्ट भी महंगे दामों पर मिलती है।
अकेले सोलन जिला में ही लगभग तीन हजार मीट्रिक टन से का मशरूम उत्पादन होता है, जिसमें छोटे किसानों की संख्या अधिक है। नाबार्ड हिमाचल प्रदेश क्षेत्रीय कार्यालय के महाप्रबंधक डा. बीआर प्रेमी ने डीएमआर निदेश डा. वीपी शर्मा को परियोजना का स्वीकृति सौंपा है। परियोजना के अंतर्गत निदेशालय द्वारा आगामी तीन वर्षों में न केवल किसानों को संगठित करने की दिशा में काम किया जाएगा, बल्कि उनके इस संगठन का औपचारिक रूप से किसान उत्पादक संगठन के तौर पर रजिस्ट्रेशन भी करवाया जाएगा। इससे अन्य छोटे किसानों को भी मशरूम उत्पादन को अपनाने के लिए प्रेरणा मिलेगी। डीडीएम नाबार्ड सोलन अशोक चौहान ने बताया कि नाबार्ड द्वारा स्वीकृत इस परियोजना का लाभ मशरूम उत्पादकों को मिलेगा। उधर, डीएमआर निदेशक डा. वीपी शर्मा ने कहा कि योजना का सीधा लाभ उत्पादकों को मिलेगा। इस अवसर पर डीएमआर से डा. बीएल अत्री, शैलजा वर्मा उपस्थित रहे। ( एचडीएम)