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सावन का महीना शुरू हो चुका है. सावन में शिवभक्त कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra 2022) कर महादेव को प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं. कंधे पर गंगाजल लेकर, पैदल चलकर ज्योतिर्लिंगों पर जल चढ़ाते हैं. 14 जुलाई से सालन मास के शुरु होने के साथ ही कांवड़ यात्रा भी प्रारंभ हो चुकी है.
मुस्लिम कांवड़िया से मिलिए
Navbharat Times
क्या कांवड़िया सिर्फ़ हिन्दू होते हैं, इसका जवाब है नहीं. उत्तर प्रदेश के ज़िला शामली (Shamli, Uttar Pradesh) के भैंसवाल गांव का एक मुस्लिम कांवड़िया है जो अब तक 5 बार कांवड़ यात्रा कर चुका है. वकील मलिक (Vakil Malik) हरिद्वार से गंगाजल भरकर पैदल यात्रा कर बागपत के महादेव मंदिर में चढ़ाते हैं. पिछले पांच साल से मलिक ये यात्रा करते आ रहे हैं.
ईश्वर एक है
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नवभारत टाइम्स के लेख के अनुसार वकील मलिक इस्लाम धर्म को मानते हैं और अपने धर्म के प्रति समान रूप से समर्पित हैं. वे हमेशा जमात शामिल होते हैं. उन्होंने बताया कि कांवड़ ले जाने के पीछे उनका सिर्फ़ एक मकसद है- लोगों को ये बताना कि ईश्वर एक है और हम इंसान ही मतभेद पैदा करते हैं.
विरोध का सामना करना पड़ा
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देश के हालात किसे से छिपे नहीं हैं और नफ़रतें फैलती जा रही हैं. ऐसे में वकील मलिक को भी अपनी यात्रा के दौरान विरोध का सामना करना पड़ा. वकील मलिक ने बताया कि शुरुआती सालों में उनके परिवार वाले भी विरोध करते थे. लोग कहते थे कि वो अपने धर्म को धोखा दे रहे हैं. बाद में घरवालों ने उनका मकसद समझा और कांवर ले जाने में मदद करने लगे.
वकील मलिक 5 बार यात्रा कर चुके हैं लेकिन 6ठीं बार यात्रा करने के लिए वे लिखित अनुमति लेने ज़िलाधिकारी के पास पहुंचे. शरारती तत्वों द्वारा परेशान किए जाने की आशंका के चलते उन्होंने अनुमति पत्र की मांग की.