पाकिस्तान के कब्जे वाली जमीन पर मुसलमानों ने बनाया माता का मंदिर, मूर्ति जा रही भारत से

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में एक शक्तिपीठ है, जिसे शारदा पीठ के नाम से जाना जाता है। हालांकि यह मंदिर भी पूरी तरह खंडहर हो चुका था लेकिन कुछ मुस्लिम समुदाय के लोगों ने यहां मंदिर फिर से बनाया है। इस मंदिर में स्थापित होने के लिए भारत से मूर्ति जा रही है…

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मां शारदा की मूर्ती

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पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में खंडहर हालत में खड़े ‘मां शारदा पीठ शक्ति’ तक कॉरिडोर की मांग पूरी होने में बेशक वक्त लगे, पर 75 साल बाद 20 किमी के फासले पर इस पार भारतीय सीमा LOC पर बेस यात्रा ‘शारदा मंदिर’ बनकर लगभग तैयार है। इस मंदिर के लिए शारदा मूर्ति कर्नाटक से आ रही है। शृंगेरी शारदा पीठ से पंच धातु की बनी मूर्ति यहां स्थापित होगी। शारदा मंदिर के लिए यह मूर्ति शृंगेरी पीठ ने वैदिक मंत्रोचार और विशेष अनुष्ठान से तैयार की है। 5 अक्टूबर को शृंगेरी पीठ की तरफ से मूर्ति सेव शारदा कमेटी कश्मीर के संस्थापक और अध्यक्ष रविंद्र पीड़िता को सौंपी जाएगी। इसके साथ ही LOC पर टीटवाल में 1947 की खोई हुई विरासत को फिर से खड़ा कर लिया गया है। बता दें कि उस दौर में हमले के दौरान यहां बेस कैंप को आग लगा दी गई थी।

मुसलमानों ने सौंपी जमीन, मंदिर भी बनाया
पिछले साल से बन रहे इस मंदिर को स्थानीय लोकल मुसलमानों ने बनाकर तैयार किया है। मंदिर निर्माण कंस्ट्रक्शन कमिटी में 3 लोकल मुस्लिम एजाज खान, रिटायर्ड कैप्टन इलियास, इफ्तिखार, एक सिख जोगिंदर सिंह और पांच कश्मीरी पंडित हैं। चूंकि बंटवारे से पहले अभिलेखों में यह हिंदू मंदिर लैंड दर्ज थी, इसलिए मुसलमानों ने मंदिर के लिए यह जमीन सौंपी थी। मंदिर के काम में लगभग डेढ़ करोड़ रुपये लगे हैं।

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POK से आई है नींव की शिला

मंदिर के लिए कर्नाटक राज्य के शृंगेरी पीठ के जगदगुरु को POK स्थित पीठ से लाई शिला और मिट्टी सौंपी गई थी। जगदगुरू ने मंत्रोच्चारण के बाद वह शिला उन्हें वापस दी। इस शिला को मंदिर की नींव में स्थापित किया गया था। अब शृंगेरी पीठ ने नवरात्र के अवसर पर देवी शारदा की पंचधातु की मूर्ति को सौंपने के लिए बुलाया लोगों को बुलाया है। पिछले साल 2 दिसंबर को वैदिक मंत्रोच्चार के बीच टिटवाला का मंदिर का नींव पूजन किया गया था। टिटवाल किशनगंगा (नीलम) नदी के किनारे पर है और बंटवारे से पूर्व यहीं से शारदा पीठ के लिए यात्रा शुरू होती थी। इसमें श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए व्यवस्था रहती थी। अब शारदा पीठ POK में है और देखरेख के अभाव में वह खंडहर हो चुका है।

मंदिर बनने से तेज होगी कॉरिडोर की मांग

कश्मीरी हिंदुओं के अलावा कई संगठन वर्षों से भारत-पाकिस्तान सरकार से POK में स्थित देवी शारदा पीठ की यात्रा को बहाल करने के कॉरिडोर बनाने की मांग करते रहे हैं। फिलहाल शारदा बेस कैंप पर मंदिर निर्माण को इस दिशा में अहम माना जा रहा है। टिटवाला में खड़े होकर नीलम नदी के पार POK में पहाड़ी पर स्थित देवी शारदा के प्राचीन मंदिर के दर्शन कर सकते हैं।